- अवैध खनन पर नकेल: 9.38 करोड़ का जुर्माना वसूला, 448 के खिलाफ एफआइआर - बजरी के प्लॉटों की पर्यावरण स्वीकृति के लिए कलक्टर लिखेंगे पत्र
भीलवाड़ा जिले में खनन गतिविधियों से प्रभावित क्षेत्रों और पर्यावरण संरक्षण को लेकर जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला किया है। अब बंद पड़े खनन पट्टों और लीज क्षेत्रों में पर्यावरण को बढ़ावा दिया जाएगा। सोमवार को जिला कलक्टर जसमीत सिंह संधू की अध्यक्षता में आयोजित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय किया गया।
बिजौलियां का वेस्ट पहाड़ बनेगा वन क्षेत्र
बैठक में तय किया गया कि बिजौलियां क्षेत्र में खनन के बाद छोड़े गए वेस्ट के खड़े पहाड़ों पर बीजारोपण कर उन्हें सघन वन क्षेत्र में तब्दील किया जाएगा। इसका उद्देश्य पर्यावरण को बचाना और खनन से हुई क्षति की भरपाई करना है। साथ ही, खनन क्षेत्र से बाहर के इलाके में चारागाह विकास की योजना को भी सुविचार के माध्यम से लागू किया जाएगा। अपना संस्थान के प्रदेश सचिव विनोद मेलाना और समिति सदस्य राजेश सिंह राठौड़ ने सुझाव दिया कि डीएमएफटी फंड का उपयोग खनन पट्टा क्षेत्रों को जोड़ने वाली सड़कों के विकास और ओवरबर्डन क्षेत्र को फिर से हरा-भरा करने में किया जाना चाहिए।
कलक्टर ने दिए निर्देश
छोड़ी गई खदानों के गड्ढों को चिन्हित कर 'अपना संस्थान' और डीएमएफटी फंड से पौधरोपण किया जाए। पुर में माइका के अवैध खनन पिट को शहर के कचरे या वेस्ट से भरा जाए ताकि वेस्ट का निस्तारण हो सके और अवैध खनन की समस्या खत्म हो सके। अवैध खनन के खिलाफ समिति के अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश।
अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई, 9 करोड़ की वसूली
बैठक में समिति सचिव व खनिज अभियंता महेश शर्मा ने अवैध खनन, निर्गमन और भंडारण की रोकथाम के लिए की गई कार्रवाई का ब्योरा प्रस्तुत किया। चालू वित्त वर्ष 31 अक्टूबर तक 654 केस दर्ज कर 9 करोड़ 38 लाख 80 हजार का जुर्माना वसूला गया। 448 व्यक्तियों के खिलाफ विभिन्न थानों में मामले दर्ज कराए गए। बजरी पर विशेष अभियान में इस वित्त वर्ष में अब तक बजरी के 538 मामले बनाकर 8 करोड़ 15 लाख 72 हजार वसूले गए और 403 जनों पर एफआईआर दर्ज हुई। पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में एफआईआर की संख्या में वृद्धि हुई है, जो प्रशासन की सख्ती को दर्शाती है।
लंबित पर्यावरण स्वीकृति पर कलक्टर लिखेंगे डीओ लेटर
भीलवाड़ा और बिजौलियां खनिज विभाग की ओर से बजरी के तीन दर्जन से अधिक प्लॉटों की नीलामी के बावजूद, उनकी पर्यावरण स्वीकृति अभी तक जारी नहीं हुई है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। जिला कलक्टर संधू ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग के अधिकारी को जल्द ही लंबित स्वीकृतियां जारी कराने के लिए डीओ (डेमी-ऑफिशियल) लेटर लिखने का निर्णय लिया है।