-मुख्यमंत्री की घोषणा पर आरपीसीबी टीम ने किया दौरा -इंटरनेट ऑफ थिंग्स आधारित कैमरा प्रणाली से रखी जाएगी नजर -शिकायत निवारण के लिए विकसित पोर्टल की भी ली जानकारी
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की बजट घोषणा के तहत राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल बोर्ड (आरपीसीबी) ने भीलवाड़ा, पाली, जोधपुर, बालोतरा, जयपुर और भिवाड़ी में औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले दूषित पानी की प्रभावी रोकथाम और निगरानी के लिए कमर कस ली है। इसके तहत को आरपीसीबी बोर्ड जयपुर की एक विशेष टीम ने भीलवाड़ा का दौरा किया और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित सीसीटीवी कैमरा प्रणाली लगाने के लिए संभावित स्थलों का अवलोकन किया। हालांकि मंडल की लगातार की जा रही मॉनिटरिंग के चलते दूषित पानी छोड़ने की प्रवृति पर अंकुश लगा है। इन शिकायतों के चलते ही यह कैमरे लगाने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी।
9 संवेदनशील स्थानों पर लगाए जाएंगे कैमरे
भीलवाड़ा के औद्योगिक क्षेत्र में करीब 9 ऐसे स्थान चिन्हित किए गए हैं जहां से अक्सर दूषित पानी आने की शिकायतें मिलती रहती हैं। इन शिकायतों के निवारण और दूषित पानी छोड़ने की प्रवृत्ति पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए ही मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में आईओटी-आधारित निगरानी प्रणाली की घोषणा की थी। जयपुर से आई टीम ने क्षेत्रीय कार्यालय, भीलवाड़ा के अधिकारियों के साथ मिलकर इन चिन्हित स्थानों का दौरा किया। इसके अलावा, टीम ने अजमेर रोड, चित्तौड़गढ़ और पुर रोड पर स्थित प्रोसेस व डाई हाउस इकाइयों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान दूषित पानी निकलने की संभावना वाले स्थानों की गहन जांच की गई।
शिकायत निवारण पोर्टल का अवलोकन
निरीक्षण के दौरान टीम ने क्षेत्रीय कार्यालय भीलवाड़ा की ओर से कपड़ा प्रोसेस हाउस इकाइयों की बेहतर एवं प्रभावी निगरानी के लिए विकसित किए गए विशेष पोर्टल www.rspcbbhilwara.in की भी विस्तृत जानकारी ली। इस पोर्टल की मुख्य विशेषताएं की भी टीम ने जानकारी ने ली है। इसमें शिकायत पंजीयन लिंक जो आमजन के लिए शिकायत दर्ज कराने की सुविधा प्रदान कर रहा है। साथ ही दर्ज शिकायतों पर की गई कार्रवाई की स्थिति तथा समाचार पत्रों में छपी दूषित पानी से संबंधित ख़बरों पर की गई कार्रवाई की सूचना भी इसमें देखी जा सकती है। साथ ही टीम ने प्रोसेस व डाई हाउस की ओर से संचालित किए जा रहे मल्टी-इफ़ेक्ट इवेपोरेटर (एमइइ) और एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) की विस्तृत जानकारी भी ली है।
टीम में शामिल रहे विशेषज्ञ
जयपुर से आई आरपीसीबी की टीम में दिव्या और निशा जैन शामिल थीं। साथ ही इंटरनेट ऑफ थिंग्स सिस्टम लगाने वाली टीम प्राइस वॉटर हाउस कूपर्स इंडिया की ओर से लीना और अनिरुद्ध भी दौरे पर मौजूद थे। क्षेत्रीय कार्यालय भीलवाड़ा से सहायक पर्यावरण अभियंता जितेंद्र सिंह मीना ने टीम को सहयोग किया और साइट्स का अवलोकन कराया। इस पहल से भीलवाड़ा सहित राज्य के 6 औद्योगिक शहरों में पर्यावरण प्रदूषण की प्रभावी और पारदर्शी तरीके से निगरानी संभव हो सकेगी।
इस नंबर पर कर सकते शिकायत
आरपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने बताया कि शिकायत के लिए बनाए गए विशेष पोर्टल के अलावा व्हाट्सएप नंबर 7597635166 पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत मिलने के तुंरत बाद इस पर कार्रवाई भी की जाएगी।