राजस्थान के सभी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों की सूरत दीपावली से पहले बदलने जा रही है।
राजस्थान के सभी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों की सूरत दीपावली से पहले बदलने जा रही है। विद्यार्थियों के लिए प्रेरक और स्वच्छ वातावरण तैयार करने के उद्देश्य से सरकार ने विद्यार्थी विकास कोष से विद्यालयों में रंग-रोगन, पेंटिंग एवं आवश्यक मरम्मत कार्य कराने की स्वीकृति दी है।
अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक एवं समग्र शिक्षा अभियान (समसा) सीताराम जाट ने कहा कि प्रत्येक विद्यालय अपनी आवश्यकता और अनुमानित व्यय के अनुसार विद्यार्थी विकास कोष से राशि व्यय कर कार्य पूर्ण करवाए। इसके तहत 15 हजार से 2 लाख रुपए तक की राशि विद्यालय व्यय कर सकेंगे।
प्रदेश के झालावाड़ जिले के एक राजकीय विद्यालय में दीवार गिरने से हुई छात्र की मौत की घटना ने पूरे शिक्षा विभाग को झकझोर दिया। इसके बाद सरकार ने विद्यालय भवनों की स्थिति को लेकर गंभीरता दिखाई है। इसके लिए प्रदेश में सर्वे भी करवाया था। इसके तहत समग्र शिक्षा अभियान की इस ताजा पहल को विद्यालय सुरक्षा और रखरखाव से सीधे जोड़कर देखा जा रहा है। शिक्षा विभाग का कहना है कि अब किसी भी विद्यालय में जर्जर दीवारें या टूटे गेट नहीं रहेंगे।
सीताराम जाट ने सभी जिला परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि रंग-रोगन, पेंटिंग व मरम्मत कार्य दीपावली से पूर्व पूर्ण किए जाएं ताकि त्योहारी माहौल में विद्यालय नई सूरत में नजर आएं।
विद्यालयों की बाहरी दीवारें, गेट, नाम-पट्ट एवं मुख्य फ्रंट को एक समान रंग योजना में रंगने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए समसा ने निर्धारित कलर कोड जारी किए हैं, जिनका सभी विद्यालयों को पालन करना होगा ताकि प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों का रूप एक जैसा दिखे।
कार्य राजस्थान लोक उपापन पारदर्शिता अधिनियम 2012 व नियम 2013 के तहत ही किए जाएं। सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियमों का पालन किया जाए। कार्य की गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित की जाए।
विद्यालयों के सुंदर और स्वच्छ होने से विद्यार्थियों में गर्व की भावना बढ़ेगी। दीवारों पर प्रेरक पंक्तियां, पर्यावरण संदेश व शिक्षा से जुड़ी कलात्मक पेंटिंग्स भी करवाई जा सकेंगी। झालावाड़ की घटना के बाद सरकार का यह कदम न केवल विद्यालयों की सुरक्षा के प्रति जागरुकता दर्शाता है, बल्कि शिक्षा के वातावरण को सौंदर्यपूर्ण और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक ठोस पहल भी है।
रामेश्वर जीनगर, सीबीईओ सुवाणा