वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिला टेक्सटाइल प्रतिनिधिमण्डल, जीएसटी युक्तिकरण पर भी रखी मांग
देश के कपड़ा उद्योग से जुड़े एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मण्डल ने बुधवार को नई दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर कॉटन आयात शुल्क को अस्थायी रूप से समाप्त करने के निर्णय का स्वागत करते हुए आभार जताया। साथ ही उन्होंने इस छूट की अवधि को बढ़ाकर अक्टूबर माह के अंत तक लागू करने का आग्रह किया, ताकि उद्योगों को वास्तविक लाभ मिल सके।
क्यों है अवधि बढ़ाना जरूरी
प्रतिनिधि मण्डल ने वित्त मंत्री को अवगत कराया कि वर्तमान आदेश के तहत 19 अगस्त से 30 सितम्बर तक कॉटन आयात पर लगने वाले 11 प्रतिशत शुल्क (बेसिक सीमा शुल्क व सेस) को हटाया गया है, लेकिन इस अवधि में वास्तविक आयात और उपयोग का लाभ उद्योग तक नहीं पहुंच पाएगा। 31 अक्टूबर तक छूट जारी रहने पर ही उद्योग को राहत मिलेगी। क्योंकि नवंबर से नया कॉटन सीजन देश में शुरू हो जाएगा और घरेलू बाजार में कपास उपलब्ध हो जाएगी।
उद्योग पर बढ़ता दबाव
मेवाड़ चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंटस्ट्री के पूर्व अध्यक्ष एवं सीआईटीआई उपाध्यक्ष दिनेश नौलखा ने कहा कि बढ़ती वैश्विक प्रतिस्पर्धा और ट्रंप टैरिफ जैसी परिस्थितियों के बीच भारतीय निर्यातक लागत बढ़ने से दबाव में हैं। कच्चे माल की महंगाई से उत्पादन लागत बढ़ रही है। निर्यात आदेश मिलने के बावजूद मूल्य प्रतिस्पर्धा में पिछड़ने का खतरा है। आयात शुल्क हटाने से लागत घटेगी और निर्यात को गति मिलेगी। नौलखा ने बताया कि कॉटन आयात शुल्क हटाने से उद्योग को अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूती मिलेगी। अगर छूट की अवधि अक्टूबर तक बढ़ती है तो इसका वास्तविक लाभ मिल पाएगा।
जीएसटी दरों पर भी चर्चा
मुलाकात के दौरान जीएसटी युक्तिकरण का मुद्दा भी उठाया गया। नौलखा ने बताया कि विभिन्न दरों के कारण कारोबारियों को परेशानी आती है। एक समान दर तय करने से उद्योग को सरलता और राहत मिलेगी। वित्त मंत्री ने इस विषय को गंभीरता से सुनते हुए जल्द ही निस्तारण का आश्वासन दिया है।
राजस्थान में टेक्सटाइल का महत्व
भीलवाड़ा व मेवाड़ क्षेत्र को देश का टेक्सटाइल हब माना जाता है। यहां हजारों इकाइयां कार्यरत हैं और लाखों लोग इस उद्योग पर निर्भर हैं। केंद्र सरकार का यह कदम सीधे राजस्थान सहित देशभर के उद्योगों पर असर डालेगा। प्रदेश में का सबसे अधिक यार्न का उत्पादन भीलवाड़ा में होता है।
प्रतिनिधिमण्डल में ये थे शामिल
प्रतिनिधि मंडल में नौलखा के साथ टेक्सप्रोसिल के उपाध्यक्ष रवि सैम, सीआईटीआई के महासचिव वेंकट रामराज सम्मिलित थे।
टेक्सटाइल उद्योग की मुख्य मांगे