ईरास ग्राम में पर्यावरण संरक्षण की मिसाल, 300 छात्र-छात्राओं ने किया भ्रमण
अगर शहर की भागदौड़ में प्रकृति के करीब जाने का अवसर नहीं मिल पा रहा है, तो ईरास ग्राम एक आदर्श उदाहरण बनकर सामने आया है। यहां मॉडल स्कूल सुवाणा से सेवानिवृत्त शिक्षक रमेशचंद्र आर्य ने अपने मकान की छत पर एक ऐसा गार्डन तैयार किया है, जो अब न केवल ग्रामीणों बल्कि दूर-दराज से आने वाले विद्यार्थियों और अधिकारियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।
छत पर विकसित इस गार्डन को देखने के लिए लगातार लोगों की भीड़ उमड़ रही है। सुवाना क्षेत्र के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रामेश्वर जीनगर, प्रधानाध्यापक हर गोविंद शर्मा, दिनेश शर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं लगभग 300 छात्र-छात्राओं ने गार्डन का अवलोकन किया।
गार्डन में विभिन्न प्रकार के फूलों और फलों को देखकर छात्र-छात्राएं आश्चर्यचकित रह गए। विद्यार्थियों ने यहां मौजूद पौधों की जानकारी लेते हुए अपनी नोटबुक में फूलों और पौधों के नाम भी दर्ज किए। आर्य ने अपनी छत पर गुलाब की 10 किस्में, गुलदाउदी की 7 किस्में, साथ ही पिटूमिना, गेलुडियस, रजनीगंधा, इमलोनिया, वानिका, एंथोरियम, वर्मिना, बालासन, मधुमालती, मधुकामिनी, एग्जोरा जैसे आकर्षक फूलों के पौधे लगाए हैं। इसके अलावा नींबू, पपीता, संतरा और अंगूर जैसे फलों के पौधे भी गार्डन की सुंदरता बढ़ा रहे हैं।
सीबीईओ रामेश्वर जीनगर ने बताया कि रमेशचंद्र आर्य ने कार्यालयों और विद्यालयों के लिए निशुल्क पौधों का वितरण भी किया है। यह पहल विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के साथ-साथ समाज को हरियाली की ओर प्रेरित कर रही है।
जीनगर ने बताया कि सेवानिवृत्ति के बाद भी समाज और प्रकृति के लिए समर्पित यह प्रयास प्रदेशभर के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है। सीमित स्थान में छत पर विकसित यह गार्डन यह संदेश देता है कि यदि इच्छाशक्ति हो तो हर घर हरित हो सकता है।