700 रुपए सस्ता मिल रहा घी, बढ़ी मांग से शुरू हुई कालाबाजारी 22 सितंबर को जीएसटी दर घटने के बाद बढ़ी खपत, अब तक 250 टन घी की बिक्री
दीपावली से पहले एक बार फिर सरस घी बाजार से गायब हो गया है। त्योहारी सीजन में सरस घी की कीमत अन्य ब्रांडों की तुलना में 700 से 1000 रुपए प्रति टीन तक कम रहने से इसकी मांग अचानक बढ़ गई है। वहीं सप्लाई सीमित होने के कारण बाजार में सरस घी की कालाबाजारी शुरू हो गई है।
भीलवाड़ा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के विपणन अधिकारी टी. पाटीदार ने बताया कि 22 सितंबर को जीएसटी दर कम होने के साथ ही सरस घी के दामों में भारी कमी आई थी। जबकि निजी कंपनियों ने घी के दामों में कोई राहत नहीं दी, उलटे कीमतें बढ़ा दीं। नतीजतन उपभोक्ताओं का रुख पूरी तरह सरस घी की ओर हो गया है।
हर डीलर को सीमित मात्रा में मिल रहा स्टॉक
पाटीदार ने बताया कि बढ़ी हुई मांग के बावजूद फिलहाल किसी भी डीलर या व्यापारी को 5 टिन से अधिक घी नहीं दिया जा रहा है। जिले में 22 सितंबर के बाद से अब तक करीब 250 टन सरस घी की खपत हो चुकी है।
त्योहार पर बढ़ी खपत, कम सप्लाई बनी वजह
दीपावली के पहले ही सप्ताह से सरस घी की मांग लगभग दोगुनी हो गई है। जिले के खुदरा व्यापारियों के अनुसार, अन्य कंपनियों के घी की कीमतें जहां 700 से 1000 रुपए प्रति टीन अधिक हैं, वहीं सरस घी अन्य कम्पनियों के घी से सस्ता होने से ग्राहक उसी की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
उपभोक्ताओं को परेशानी
बाजार में कई दुकानों पर ‘सरस घी उपलब्ध नहीं’ के बोर्ड नजर आ रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि हर साल दीपावली पर ऐसी स्थिति बनती है, जब घी की मांग बढ़ने पर सप्लाई कम पड़ जाती है और व्यापारी कालाबाजारी करने लगते हैं। लेकिन इस बार अन्य कम्पनियों की और से जीएसटी दर कम करने के बाद पुन: कीमते बढ़ाने से यह अन्तर आया है। ऐसे में बाजार में सरस का घी 500 से 700 रुपए ब्लैक में बिक रहा है।