- अवैध बजरी से भरे ट्रक को बूंदी में पकड़ने का मामला
राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर के आदेश से खनिज विभाग भीलवाड़ा व सीबीआइ को झटका लगा है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान खनिज विभाग के 294 करोड़ की वसूली नोटिस पर रोक लगा दी है। वहीं सीबीआइ की ओर से शाहपुरा तहसील के फूलियाकलां स्थित बजरी की लीज को निरस्त करने की दायर करने की अपील पर स्थगन आदेश दिया है। आदेश से विभाग में हड़कंप मचा है। मामले में अगली सुनवाई 23 मई को होगी।
गौरतलब है कि बूंदी पुलिस ने पिछले साल बजरी से भरा ट्रक पकड़ा था। बजरी शाहपुरा के बडला से आशुसिंह भाटी की टीपी के माध्मय से परिवहन करना बताया। मामले की हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआइ ने अवैध खनन व परिवहन के मामले की जांच की। जांच के बाद सीबीआइ ने न्यायालय में पेश जांच रिपोर्ट में शाहपुरा व फूलियाकलां स्थित 624.39 हैक्टर बजरी की लीज जो जयपुर के आशु सिंह भाटी को आवंटित की थी, को निरस्त करने की सिफारिश की। जबकि लीज 9 मार्च 2023 से 4 वर्ष 4 माह तक के लिए प्रभावी थी।
खनिज विभाग ने जारी किया नोटिस
खनिज विभाग के अनुसार लीज धारक ने ट्रांजिंट पास (टीपी)पोइंटबड़ला से 4792 टीपी के माध्यम से 87525.95 टन बजरी, नई अरवड़ से 71 टीपी से 1402.58 टन तथा फूलियाकलां से 204 टीपी से 3812.18 टन बजरी यानी कुल 92740.71 टन बजरी वे-ब्रिज महेंद्रसिंह राजावत के आमल्दा पर तुलाई की। जबकि टीपीपोइंट से वे ब्रिज 50 किलोमीटर दूर है जो कम समय पर पहुंचना संभव नहीं है। विभाग ने माना कि टीपी के माध्यम से बजरी का अवैध दोहन किया था। मामले को लेकर ने भाटी को नोटिस जारी किया, लेकिन उसके जबाव से संतुष्ट न होने पर अवैध बजरी दोहन, परिवहन तथा एनजीटी के आदेशों की अवहेलना मानते हुए 294 करोड़ 90 लाख 70355 रुपए की पेनल्टी राशि का नोटिस जारी किया था। दोनों मामले में न्यायालय ने स्थगन आदेश दिए है।
इस तरह लगाई थी पैनल्टी राशि