शादियों में धूम, बैंड, कपड़ा, बर्तन, गार्डन तक सभी बुक
भीलवाड़ा जिले में सावों (शुभ लग्न) की शुरुआत के साथ ही बाजार में जबरदस्त रौनक लौट आई है। नवंबर से शुरू हुए लग्न मुहूर्तों के चलते बैंड-बाजा, बारात, टेंट-डेकोरेशन, कैटरिंग, कपड़ा, ज्वेलरी, गार्डन बुकिंग समेत तमाम कारोबार जोरों पर है। व्यापारी बता रहे हैं कि इस सीजन में करोड़ों रुपए का कारोबार होने की उम्मीद है।
बुकिंग फुल, तारीख मिलना मुश्किल
शादी समारोहों के लिए लोकप्रिय गार्डन और होटल पहले ही बुक हो चुके हैं। बड़े शहरों में वीकेंड डेट्स लगभग फुल हैं। टेंट, डेकोरेशन कंपनियों की एडवांस बुकिंग हो चुकी हैं। बैंड-पार्टी वालों के पास तारीखों की कमी है। व्यापारी के अनुसार एक शादी में औसतन लाखों रुपए खर्च होते हैं। इसका प्रत्यक्ष लाभ कई छोटे-बड़े व्यापारियों तक पहुंचता है।
विवाह उद्योग की चेन में सभी को लाभ
शादी उद्योग से सैकड़ों तरह के कारोबार जुड़े हैं। कपड़ा बाजार में नई वैराइटी की बिक्री बढ़ी है। ज्वैलर्स के शोरूम में ग्राहक की संख्या दोगुनी हो गई है। हालांकि सोने व चांदी की लगातार कीमतें बढ़ने के कारण ज्वैलरी कम बजन की खरीद रहे हैं। हालांकि सभी का बजट तय है लेकिन अपने जरूरत के आधार पर ही सोना खरीद रहे है। बर्तन व कैटरिंग का व्यापार चरम पर चल रहा है। ग्राहकों की खरीदारी से बाजारों में रौनक बनी हुई है। व्यापारी का कहना है कि आर्थिक सुस्ती के बाद यह सीजन व्यापार में नई ऊर्जा लेकर आया है।
रोजगार में भी इजाफा
दुकानदारों का कहना है कि सीजन के दौरान अतिरिक्त स्टाफ रखने की जरूरत बढ़ गई है। शृंगार और ब्यूटी पार्लर के यहां अतिरिक्त बुकिंग की जा रही है। फोटोग्राफर-वीडियोग्राफर की मांग बढ़ी है। ट्रांसपोर्ट और लाइटिंग टेम्पों को भी काम मिलने लगा है। इवेंट मैनेजमेंट से जुड़े विशेषज्ञ मानते हैं कि विवाह आयोजन ग्रामीण व शहरी दोनों अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत आधार देता है।
पारंपरिक रस्मों के साथ मॉडर्न ट्रेंड
विवाह आयोजनों में पारंपरिक रस्मों के साथ थीम डेकोरेशन, लाइव डीजे, हेलीपैड एंट्री जैसे मॉडर्न ट्रेंड भी जमकर अपनाए जा रहे हैं। व्यापारी इसे बदलती जीवनशैली और बढ़ती खर्च क्षमता का संकेत मान रहे हैं। त्योहारों के बाद शादी सीजन को लेकर बाजारों में जो उत्साह है, उससे व्यापारी पूरी तरह आशान्वित हैं कि इस वर्ष सावों का यह समय अर्थव्यवस्था में नई जान फूंक देगा।