भिंड

मौत की कगार पर MP की जीवनदायनी नदी, 50 से घटकर 10 मीटर रह गई चौड़ाई

MP News: मध्य प्रदेश की सोनभद्रिका नदी अतिक्रमण और गंदगी की मार झेल रही है। कभी जीवनदायिनी कही जाने वाली यह नदी अब अस्तित्व के संकट से गुजर रही है।

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Oct 11, 2025
sonbhadrika river encroachment water pollution bhind (फोटो- सोशल मीडिया)

Sonbhadrika River Encroachment: भिंड जिले के आलमपुर में अतिक्रमण एवं गंदगी की चपेट में आकर कस्बे की जीवनदायिनी कही जाने वाली सोनभद्रिका नदी अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रही है। बावजूद इसके राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर घोर उपेक्षा हो रही है। यही हाल रहा तो नदी एक दिन खत्म हो जाएगी।

कभी 50 मीटर तक चौड़ाई में बहने वाली नदी का अस्तित्व अब महज 10 मीटर में सिमटकर रह गया है। अनदेखी के चलते कस्बे के गंदे नाले का पानी भी नदी में ही छोड़ा जा रहा है। जिससे कस्बे की गंदगी भी नदी में जमा हो रही है। जहां नाला मिलता है, वहां पूरे क्षेत्र में गंद‌गी बिखरी पड़ी है। नदी किनारे खेती होने लगी और उसका दायरा निरंतर बढ़ता जाव रहा है। ऐसे में नदी को जीवित बनाए रखने का संकट उत्पन्न हो रहा है। (mp news)

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20 साल से नहीं दिया गया ध्यान

नदी की यह दुर्दशा पिछले 20 साल में हुई है। वर्ष 2005 तक नदी का स्वरूप निखरा हुआ था, पर्याप्त पानी और स्वच्छता थी। नदी के किनारों पर अतिक्रमण भी नहीं था, जिससे निस्तार का पानी उपलब्ध होता रहता था। मवेशियों को भी पानी मिल जाता था, गंदे नाले नहीं जुड़े होने से लोग बरसात के बाद भी पानी का उपयोग नहाने एवं अन्य निस्तार के कार्यों में करते थे। लेकिन अब गंदगी के कारण उपयोग नहीं हो पाता है। गर्मियों में पानी सूखने से नदी की तलहटी खेल का मैदान बन जाती है। (mp news)

पर्यटन स्थल को भी लगा ग्रहण

नदी के तट पर राज्य सरकार द्वारा संरक्षित मल्हार राव होल्कर की छतरी भी है। यहां पर्यटक आते हैं, नदी से छतरी के सीधे दीदार होते हैं, लेकिन अब गंदगी और बदबू के कारण लोग कम आते हैं। लेकिन इस समस्या पर प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं हैं। नदी में कस्बे के पांच गंदे नालों का पानी आता है. नगर परिषद ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की बात करती आ रही है, काम नहीं हो रहा है। वर्ष 2010 में जीर्णोद्धार कार्य जन सहयोग से शुरू हुआ था, लेकिन सहयोग मिलने से बंद हो गया। (mp news)

जीर्णोद्धार के लिए तीन करोड़ की कार्ययोजना

कस्बे के राजघाट पर नदी के सौंदर्गीकरण के लिए तीन करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है। डीपीआर तैयार हो चुकी है। इसमें दोनों ओर घाट निर्माण पर करीब दो करोड़ रुपए खर्च होंगे। सौंदर्गीकरण एवं अन्य कार्यों पर एक करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव है। लेकिन नदी की सफाई की कार्ययोजना में इसमें शामिल रही है। लोगों का मानना है कि ऐसे तो पूरी राशि व्यर्थ चली जाएगी नदी की सफाई की भी कार्ययोजना होनी चाहिए। लोगों ने राजघाट के आसपास तो सफाई निश्चित तौर से कराने पर जोर दिया है। (mp news)

नदी की सफाई का नहीं कोई प्रस्ताव- इंजीनियर

नदी की सफाई का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। तीन करोड़ से राजघाट के दोनों ओर घाट निर्माण, बॉक्स कलवार्ट पुल के निर्माण कार्य होंगे। डीपीआर तैयार हो चुकी है. डिजाइन भेज दी गई है। स्वीकृति मिलते ही काम शुरू कराएंगे।- धर्मेंद्र पटेल, इंजीनियर, नगर परिषद आलमपुर

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Published on:
11 Oct 2025 09:57 am
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