MP News: मरीज ऑपरेशन के तुरंत बाद वह खुद उठकर चलने लगा। डॉक्टरों के मुताबिक मरीज की रीढ़ कैंसर की वजह से इतनी दब गई थी कि स्थिति लगभग असहनीय हो चुकी थी।
MP News: एम्स भोपाल के डॉक्टरों ने एक मरीज को नई जिंदगी दी है। यहां पर कैंसर से कमजोर हो चुकी रीढ़ के भारी दबाव से जूझ रहे एक मरीज को राहत दिलाते हुए काइफोप्लास्टी तकनीक से सफल उपचार किया। दर्द इतना असहनीय था कि मरीज बिस्तर से उठ भी नहीं पाता था, लेकिन सिर्फ 30 मिनट में हुई यह प्रक्रिया उसके लिए जीवन बदल देने वाली साबित हुई।
ऑपरेशन के तुरंत बाद वह खुद उठकर चलने लगा। डॉक्टरों के मुताबिक मरीज की रीढ़ कैंसर की वजह से इतनी दब गई थी कि स्थिति लगभग असहनीय हो चुकी थी। वर्टेब्रल क्प्रेशन फ्रैक्चर के कारण हड्डी बैठ गई थी और मरीज करवट भी नहीं बदल पा रहा था। मॉर्फीन देने पर भी दर्द कम नहीं हो रहा था।
जांच में पाया गया कि पारंपरिक इलाज से राहत मिलना मुश्किल है। विशेषज्ञों ने काइफोप्लास्टी की सलाह दी। यह तकनीक देश के कुछ ही अस्पतालों में उपलब्ध है। काइफोप्लास्टी एक अत्याधुनिक प्रक्रिया है। रीढ़ की बैठी हड्डी में सूक्ष्म सुई से रास्ता बनाया जाता है। अंदर छोटा गुब्बारा डालकर फुलाया जाता है, जिससे हड्डी अपनी ऊंचाई पर लौट आती है। फिर इस हिस्से को विशेष बोन सीमेंट से भर दिया जाता है।
एम्स भोपाल में यह प्रक्रिया 30 मिनट में पूरी हुई। सबसे बड़ी सफलता यह रही कि मरीज ऑपरेशन के तुरंत बाद चलने लगा और दर्द 70 से 80 प्रतिशत तक कम हो गया। यह ऑपरेशन पेन मेडिसिन यूनिट, एनेस्थीसिया विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर एवं प्रभारी डॉ. अनुज जैन के नेतृत्व में की गई। टीम में डॉ. निरव, डॉ. गोपी और डॉ. निखिल शामिल रहे।