Bhopal Vikas Pradhikaran clerk- मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आए दिन कोई न कोई भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा रहा है,
Bhopal Vikas Pradhikaran clerk- मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आए दिन कोई न कोई भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा रहा है, लोकायुक्त पुलिस लगातार एक्टिव है, इसके बाद भी ऊपरी कमाई का यह काम रुक नहीं रहा है। कई संस्थान तो मानो भ्रष्टाचार के अड्डे बन गए हैं। राजधानी का भोपाल विकास प्राधिकरण यानि बीडीए BDA भी इनमें शामिल है जहां रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के निए नए मामले व शिकायतें सामने आती रहती हैं। ऐसा ही एक मामला तब उजागर हुआ जब यहां के एक साधारण से बाबू को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। बाबू के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने ये कार्रवाई की जोकि अभी जारी है।
लोकायुक्त पुलिस ने भोपाल विकास प्राधिकरण के बाबू शहाबुद्दीन को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। उसे 10 हजार की रिश्वत की राशि के साथ पकड़ा गया है। लोकायुक्त की टीम अब आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है।
भोपाल विकास प्राधिकरण के आरोपी बाबू शहाबुद्दीन के खिलाफ आवेदक घनश्याम राठौर की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई है। लोकायुक्त पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि राठौर की शिकायत के बाद तस्दीक की गई जिसमें यह सच पाई गई। इसके बाद आरोपी बाबू शहाबुद्दीन को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
इस कार्रवाई के बाद भोपाल विकास प्राधिकरण में व्याप्त भ्रष्टाचार एक बार फिर उजागर हो गया है। कार्रवाई के दौरान यह बात सुनी गई कि एक मामूली क्लर्क भी एक केस में हजारों की रिश्वत लेकर लाखों की ऊपरी कमाई कर रहा है तो बड़े अधिकारियों की कमाई का अंदाजा लगाया जा सकता है।