BJP MLA Sanjay Pathak in Trouble: ईओडब्ल्यू डीजी बोले-भोपाल, कटनी, जबलपुर में जमीन बेचकर निवेशकों को नहीं लौटाने का आरोप, धोखाधड़ी का मामला दर्ज
BJP MLA Sanjay Pathak: एमपी में सहारा समूह की बेशकीमती जमीनें बाजार मूल्य से कम दाम में बेचने और निवेशकों को राशि लौटाने में धोखाधड़ी के आरोपों पर आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शिकंजा कसा। बुधवार को प्रारंभिक शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की।
दरअसल उन पर आरोप है, जमीनें बेचने से मिली राशि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सेबी-सहारा के रिफंड खाते में जमा नहीं की। भाजपा विधायक संजय पाठक पर 310 एकड़ जमीन का औने-पौने दाम में सौदा करने का आरोप है। ईओडब्ल्यू डीजी उपेंद्र जैन ने कहा, निवेशकों से धोखाधड़ी की जांच पंजीबद्ध की है।
मेसर्स सिनाप रियल एस्टेट प्रालि. जबलपुर, नायसा देवबिल्ड प्रालि के संचालक, सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन, सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन निवेश समूह के अधिकारी- कर्मी, सहारा समूह से जमीन बेचने को अधिकृत कई विकेता कंपनियां और संबंधित राजस्व अधिकारी सहित अन्य।
पत्रिका ने भाजपा विधायक संजय पाठक से पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने जवाब नहीं दिया। फिर सहयोगी संतोष उपाध्याय से संपर्क किया गया तो, उन्होंने बताया, पाठक ने प्रतिक्रिया देने से इनकार किया है।
भोपाल के मक्सी में ही 110 एकड़ जमीन महज 84 करोड़ रुपए में बेची गई। इस भूमि की कीमत खुद सहारा इंडिया कंपनी ने 2014 में मूल्यांकन कर 125 करोड़ बताई थी। इसका सौदा दो साल पहले 48 करोड़ रुपए में ही सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड से कर दिया गया। इसी तरह कटनी और जबलपुर में 100-100 एकड़ जमीन भी 20-20 करोड़ में नायसा देवबिल्ड को बेची। पाठक पर आरोप है, सहारा सिटी के लिए चिह्नित आवासीय जमीन की रजिस्ट्री कृषि भूमि के रूप में कर स्टाम्प ड्यूटी चोरी की।
शिकायतकर्ता आशुतोष दीक्षित ने पत्रिका को बताया, विधायक संजय पाठक ने सहारा की 310 एकड़ जमीन बाजार मूल्य से 70% कम में खरीदी। जिन कंपनियों ने सौदा किया, इनमें पाठक के परिजन डायरेक्टर हैं। अब जांच में सब सामने आएगा।
सहारा के निवेशकों को उनकी राशि लौटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी थी। राशि विशेष खाते में जमा करनी थी। लेकिन जमीनें बेचकर राशि खाते में जमा नहीं कराई। यह निवेशकों से धोखा है।
-उपेंद्र जैन, डीजी, ईओडब्ल्यू