Lake City Bhopal: बड़ा तालाब समेत अन्य तालाब- जलग्रहण क्षेत्रों के एफटीएल व कैचमेंट में अब नहीं कर सकेंगे अवैध निर्माण, संरक्षित हो जाएगा नदी-तालाब-डेम का एफटीएल, बफर जोन....
Lake City Bhopal: बड़ा तालाब समेत अन्य तालाब- जलग्रहण क्षेत्रों के एफटीएल व कैचमेंट में अवैध निर्माण रोकने लैंड रिकॉर्ड को अपडेट हो रहा है। अब कैचमेंट- एफटीएल, लो-लाइन जैसे शब्द जमीन के खसरे नंबर के साथ जोड़े जाएंगे। जब कोई टीएंडसीपी या नगरीय निकाय में अनुमति की प्रक्रिया ऑनलाइन शुरू करेगा, खसरा नंबर बता देगा कि जमीन की संवेदनशीलता कितनी है। ऐसे में सिर्फ कृषि भूमि या डायवर्जन के आधार पर लैंड यूज बदलवाकर विकास की अनुमति आसानी से नहीं ले पाएगा।
टीएंडसीपी में अभी जिस सॉफ्टवेयर से ले-आउट मंजूर किया जाता है वह, काफी हाइटेक है। इसे राजस्व के लैंड रिकॉर्ड पोर्टल से जोड़ा हुआ है। अनुज्ञा की फाइल को इसी लैंड रिकॉर्ड में दर्ज जमीन की स्थिति के आधार पर ये मंजूरी की प्रक्रिया करता है। अब रिकॉर्ड में जमीन की संवेदनशीलता स्पष्ट होगी तो मंजूरी सही जगह के लिए हो पाएगी। इससे नदी-तालाब-डेम का एफटीएल, बफर जोन संरक्षित हो जाएगा।
-बड़ा तालब एफटीएल में 400 से अधिक पक्के निर्माण प्रशासन की जांच में सामने आए थे।
-बड़ा तालाब के 362 वर्गकिमी के कैचमेंट में लगातार भूमि उपयोग बदलाव कर ले-आउट मंजूर कराए जा रहे हैं।
-कलियासोत नदी के 33 मीटर एफटीएल के अंदर ही निर्माण हो गए। इसके कैचमेंट में भी काफी बड़े निर्माण है।
-वन विहार से 100 मीटर तक बफर जोन में भी प्रशासनिक जांच में कई गांव, घर व निर्माण सामने आए थे।
-तीन सीढ़ी तालाब से लेकर लहारपुर डेम, केरवा डेम के आसपास से लेकर कलियासोत वनक्षेत्र व डेम से निर्माण हो गए हैं।
लैंड रिकॉर्ड पोर्टल को ज्यादा स्पष्ट बनाने की प्रक्रिया शासन स्तर से लगातार हो रही है। जमीन की स्थिति और आंकड़ों ओर अधिक पारदर्शी हो व कोई भ्रम न रहे, इसके लिए पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे।
- कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर