Lunar eclipse- रविवार को पूर्ण चंद्रग्रहण है। देशभर की तरह एमपी में भी यह दिखाई देगा।
Lunar eclipse- रविवार को पूर्ण चंद्रग्रहण है। देशभर की तरह एमपी में भी यह दिखाई देगा। चंद्रग्रहण का प्रारंभ रात 9.58 बजे से होगा तथा मोक्ष 8 सितबर को मध्यरात्रि 1 बजकर 26 मिनट पर होगा। ग्रहण का सूतक प्रारंभ हो चुका है। इसके कारण प्रदेश के सभी छोटे बड़े मंदिर बंद हो चुके हैं। उज्जैन में महाकाल की आरती के समय में बदलाव किया गया है। यहां के मंगलनाथ मंदिर में भी भात पूजा अब बंद कर दी गई है। इधर दतिया के विश्वविख्यात पीतांबरा पीठ में चंद्रग्रहण के कारण कोई बदलाव नहीं किया गया है। सबकुछ सामान्य रूप से चल रहा है।
उज्जैन के हरसिद्धि माता मंदिर में ग्रहण का सूतक शुरु होने से पहले पूजन आरती की गई। सूतक लगने के बाद माता की प्रतिमा को स्पर्श नहीं किया जाएगा। गर्भगृह में प्रवेश नहीं होगा। इस दौरान भक्त बाहर से ही माता के दर्शन कर सकेंगे। ग्रहण शुरु होते ही मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे। सोमवार को सुबह 5 बजे माता की प्रतिमा का शुद्धि स्नान करने के बाद पूजन आरती शुरू होगी।
मैहर में चंद्रग्रहण के दौरान संध्या आरती और भोग प्रसाद नहीं लगाया जाएगा। मंदिर के पट समयानुसार ही बंद होंगे। सुबह स्नान के बाद पूजा अर्चना शुरु होगी। सलकनपुर के बिजासन माता मंदिर में भी ग्रहण के दौरान पट बंद कर दिए जाएंगे। इंदौर के खजराना गणेश मंदिर में दोपहर 12.57 बजे से भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है।
रविवार को चंद्रग्रहण का प्रारंभ रात 9.58 बजे से तथा मोक्ष 8 सितबर को मध्यरात्रि 1 बजकर 26 मिनट पर होगा। महाकाल में ग्रहण समाप्ति के बाद परपरानुसार मंदिर एवं मंदिर परिसर धुलवाया जाएगा। दर्शन व्यवस्था में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं होगा। शयन आरती रात 9.58 के पूर्व पट बंद किए जाएंगे। शयन आरती रात 9.30 बजे प्रारंभ होगी। नि:शुल्क अन्नक्षेत्र में चन्द्रग्रहण के कारण भोजन प्रसादम का वितरण नहीं होगा।
मंगलनाथ गादीपति महंत राजेंद्र भारती एवं प्रशासक केके पाठक ने बताया कि सूतककाल से लेकर ग्रहण काल तक पूजा एवं मूर्ति स्पर्श निषेध होता है। मंगलनाथ मंदिर पर भात पूजन का विधान है, परंतु चंद्र ग्रहण के कारण रविवार को सुबह 11 बजे तक भात पूजन हुई। दोपहर 1 बजे से सूतककाल शुरू हो गया। अब संपूर्ण पूजन एवं गर्भगृह में प्रवेश एवं भगवान को स्पर्श करना निषेध रहेगा।
खास बात यह है कि चंद्रग्रहण के दौरान दतिया के पीतांबरा मंदिर में कोई परिवर्तन नहीं हाेगा। यहां पहले की तरह सभी कार्य सुचारू रहेंगे। पीतांबरा पीठ के व्यवस्थापक महेश दुबे बताते हैं कि किसी भी ग्रहण में मंदिर के पट बंद नहीं होते हैं। सब यथावत चलता रहता है। ग्रहण के दौरान गर्भग्रह की लाइटें बंद कर दी जाती हैं।
7 सितंबर को भी शाम 7 बजे माता पीतांबरा की श्रंगार आरती होगी जबकि रात 9 बजे शयन आरती भी होगी। परिसर में स्थापित अन्य मंदिरों में भी नियमित पूजा पाठ होगी। कोई अनुष्ठान, पूजन पाठ नहीं रुकेगा।