कर्मचारी भवन में पत्रिका रक्षा कवच अभियान में जुटे कर्मचारियों ने लिया संकल्प,
भोपाल. साइबर जालसालों से सुरक्षित रहने के लिए जरूरी है कि आप फ्री के लालच में न आए। ये जालसाज फ्री का जाल फेकते हैं। आपके मोबाइल पर कई लिंक, मैसेज इस तरह आते हैं जिसमें कुछ न कुछ मुफ्त मिलने, लॉटरी लगने जैसे मैसेज दिए जाते हैं और उसे क्लिक करते ही आप इस धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा फोन, वीडियो कॉल के जरिए भी कई जालसाज ठगी करते हैं। ऐसे में सर्तकता और सुरक्षा से ही हम इससे लड़ सकते हैं। साइबर क्राइम से बचने के लिए डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता देना जरूरी है।
साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ पत्रिका की ओर से चलाए जा रहे पत्रिका रक्षा कवच अभियान में गुरुवार को साइबर एक्सपर्ट शोभित चतुर्वेदी ने यह जानकारी कर्मचारी वर्ग को दी। कर्मचारी भवन में पत्रिका की ओर से साइबर क्राइम को लेकर आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने भाग लिया। इस दौरान लोगों ने अपने अनुभव शेयर किए और साइबर ठगी से बचाव को लेकर एक्सपर्ट से मार्गदर्शन लिया।
यह रहे मौजूद
कर्मचारी भवन में साइबर सुरक्षा को लेकर आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में अनेक कर्मचारियों और मौजूद लोगों ने अपने विचार रखे। इस मौके पर रमेश राठौर, प्रमोद उपाध्याय, दुर्गाप्रसाद शर्मा, एलएन कैलासिया, दिनकरराव निंबाड़कर, पंकज संगत, मांगीलाल तमोली, जगदीश यादव, रामस्वरूप यादव, मुकेश यादव, फूलसिंह वर्मा, कैलाश चंद्रवंशी, रामसिंह सेन, दुर्गाप्रसाद गौतम, रोहित मंडलोई, शुभम द्विवेदी, विनित अग्रवाल सहित अनेक लोग मौजूद थे।
बेटे की नौकरी के इंटरव्यू के लिए वीडियो कॉल
तीन चार दिन पहले ही मेरे पास बेटे की नौकरी के संबंध में वीडियो काल आया, जिसमें एक व्यक्ति किसी उच्च अधिकारी की तरह चेंबर में बैठकर इंटरव्यू ले रहा था, मैं उसी समय समझ गया कि यह फ्राड है, मैने उसे डाटा तो उसने फोन कट कर दिया। पत्रिका की यह मुहिम सराहनीय है, जिससे कई लोग जागरुक हो रहे हैं।
एमपी द्विवेदी
अलग-अलग तरह के झासे
साइबर क्राइम को सुरक्षा से ही रोका जा सकता है। अभी कुछ महीनों पहले मेरे बेटे के पास फोन आया था कि आपका बेटा किसी फ्राड में फंस गया है, जबकि मेरे बेटे की अभी शादी ही नहीं हुई है। इस तरह के पैतरे अपनाकर जालसाज लोगों को ठगते हैं। इससे बचाव बहुत जरूरी है।
निहाल सिहं
साइबर ठगी सबसे बड़ी समस्या
समाज के लिए साइबर ठगी आज सबसे बड़ी समस्या है, जिसका कई लोग शिकार हो रहे है, आए दिन इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। पत्रिका द्वारा शुरू की गई यह मुहिम सराहनीय है और निश्चित तौर पर आम लोग इससे जागरुक होंगे और साइबर क्राइम जैसी घटनाओं पर अंकुश लगेगा। महेंद्र शर्मा
सुरक्षा का पूरा ख्याल रखते हैं
सुबह ही मेरे पास काल आया था जो रेड नंबर में था, इसलिए कॉल नहीं उठाया। मैं पत्रिका का नियमित पाठक हूं और साइबर क्राइम को लेकर जिस तरह मुहिम के जरिए लोगों को जागरुक किया जा रहा है, उससे लोगों में लगातार जागरुकता बढ़ रही है।
गौरीशंकर मालवीय
साइबर ठगी होने पर यह करे
साइबर एक्सपर्ट शोभित चतुर्वेदी ने बताया कि अगर साइबर ठगी का शिकार होते हैं तो इस घटना से तत्काल अपने बैंक के कस्टमर केयर पर सूचना दे और बैंक से ट्रांजक्शन ब्लाक करने या रिवर्स करने की रिक्वेस्ट करे। इसके साथ ही साइबर क्राइम में रिपोर्ट करे और 1930 पर काल करे, यह नेशनल हेल्पलाइन नंबर है।
ऐसे कर सकते हैं बचाव
- मजबूत पासवर्ड बनाएं, हमेशा 12 से 16 कैरेक्टर का पासवर्ड रखें इसमें अपर और लोअर केस, नंबर और विशेष चिन्ह का उपयोग करें
-हर अकाउंट के लिए अलग पासवर्ड बनाएं
-पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें।
- टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन(2FA) चालू करें
- फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर 2FA को एक्टिवेट करें
-प्राइवेसी सेटिंग्स का इस्तेमाल करें
- अपने प्रोफाइल की जानकारी सीमित करे
-संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
- पब्लिक वाई फाई से बचे
-ऑनलाइन बैंकिंग या पासवर्ड डालने वाले काम पब्लिक वाई-फाई पर न करें
- संदिग्ध ईमेल और मैसेज से सावधान रहें
- अनजान ईमेल या मैसेज लिंक पर क्लिक न करें