MP News: उपभोक्ता मंत्रालय शुरू करने जा रहा अभियान, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण नियमानुसार ग्राहक होटल ये रेस्त्रा से भी पूछ सकता है पनीर असली या नकली?
MP News Health Alert: अब किसी कारोबारी या रेस्त्रां संचालक को असली पनीर के नाम पर सिंथेटिक (एनालॉग) पनीर परोसना महंगा पड़ सकता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से ऐसा पनीर उपभोक्ता के लिए भी परेशानी खड़ी कर सकता है। उपभोक्ता मंत्रालय असली-नकली पनीर को लेकर मुहिम शुरू कर रहा है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के नियमों के अनुसार ग्राहक होटल या रेस्त्रां से पूछ सकता है कि पनीर असली है या सिथेंटिक। खाद्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार राजधानी के कई कारोबारियों और रेस्त्रां संचालकों के यहां पनीर के नाम पर एनालॉग पनीर परोसने की शिकायतें मिली हैं।
शीघ्र ही असली-नकली पनीर की पहचान और उपयोग के लिए अभियान शुरू किया जाएगा। ग्राहकों को पनीर के बारे में बताना जरूरी होगा। राजधानी भोपाल में सीहोर, देवास, मुरैना, ब्यावरा लाइन से पनीर की ज्यादा आवक होती है।
नकली या सिंथेटिक पनीर यानी एनालॉग पनीर दूध के घटकों से इतर गैर डेयरी सामग्री से बनाया जाता है। लेकिन दिखता पारंपरिक पनीर जैसा है। इसे पाम ऑयल या हाइड्रो जनिकृत तेल, मिल्क पाउडर, स्टार्च और इमल्सीफायर्स जैसे दूध के ठोस पदार्थ से बनाते हैं। सिंथेटिक पनीर में पारंपरिक पनीर की तुलना में अधिक वसा और कोलेस्ट्राल होता है, जो स्वास्थ्य के लिए घातक है। पनीर प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है, लेकिन सिंथेटिक पनीर उल्टी, दस्त, डायरिया का कारण बनता है।
कोई भी खाद्य पदार्थ गुणवत्ता परखकर ही खरीदें। एफएसएसएआई मार्क वाला उत्पाद भरोसेमंद होता है। कोशिश करें कि दूध से बना पनीर ही खरीदें और खाएं।
-पंकज श्रीवास्तव, जिला खाद्य अधिकारी