Madhya Pradesh Hospital Fire: मध्यप्रदेश के अस्पतालों में भी पिछले कुछ वर्षों में लापरवाही उजागर हो चुकी हैं। अस्पतालों में सुरक्षा मानकों का पालन सही ढंग से नहीं होने के कारण ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं।
Madhya Pradesh Hospital Fire: जयपुर के एसएमएस अस्पताल की तरह ही मध्यप्रदेश में भी आग की घटनाएं सामने आती रही हैं। इसके पीछे लापरवाही को प्रमुख कारण बताया जाता है। कुछ अस्पतालों में तो नवजातों की जान चली गई, वहीं कुछ मरीजों को आईसीयू में से कांच तक फोड़कर बाहर निकाला गया था। किसी अस्पताल में वेंटिलेटर बंद होने से भी मौत हो गई, तो कहीं बड़ी त्रासदी भी टल गई। ऐसी घटनाएं न केवल हेल्थ व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्थाओं की भी पोल खोल देती है।
मध्यप्रदेश के अस्पतालों में भी पिछले कुछ वर्षों में लापरवाही उजागर हो चुकी हैं। अस्पतालों में सुरक्षा मानकों का पालन सही ढंग से नहीं होने के कारण ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि फायर ऑडिट, नियमित सुरक्षा जांच और इमरजेंसी ड्रिल समय-समय पर हों, तो ऐसी घटनाओं से मरीजों की जान बचाई जा सकती है।
सबसे पहली बड़ी घटना 8 नवंबर 2021 को राजधानी भोपाल के 'कमला नेहरू चिल्ड्रन अस्पताल' में हुई थी। यहां न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में लगी आग में 4 नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ने तत्काल फायर ऑडिट के आदेश दिए थे।
इसके बाद 1 अगस्त 2022 को 'जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल' में आग लगी। आधिकारिक रिपोर्टों में 4 मौतें बताई गईं, लेकिन कुछ समाचारों में 8 मृतकों का दावा किया गया। कई मरीज घायल भी हुए।
16 अगस्त 2023 को 'इंदौर के कैंसर अस्पताल' में आग लगी। उस समय करीब 60 मरीज भर्ती थे। राहत की बात यह रही कि सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बताया गया कि सिकाई मशीन में स्पार्क से आग भड़की थी।
इसी साल 12 अक्टूबर 2023 को 'इंदौर के सीएचएल अस्पताल' में आईसीयू में आग लगी। यहां स्थिति इतनी गंभीर थी कि मरीजों को बाहर निकालने के लिए कांच तोड़ना पड़ा। घटना के वक्त पांच वार्डों में 35 मरीज भर्ती थे।
4 सितंबर 2024 को 'ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल' में आईसीयू के एयर कंडीशनर में आग लगी। वेंटिलेटर बंद हो जाने से एक मरीज की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हो गए।
16 मार्च 2025 की रात डेढ़ बजे 'ग्वालियर के कमला राजा अस्पताल' के मेटरनिटी वार्ड में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। वार्ड में 150 महिलाएं भर्ती थीं, जिन्हें समय रहते सुरक्षित निकाल लिया गया।
इसके बाद 17 अप्रैल 2025 को 'मुरैना जिला अस्पताल' के सर्जिकल वार्ड में लापरवाही से आग लगी। इस दौरान मरीज को बाहर निकालते समय ऑक्सीजन मास्क खिसक गया, जिससे एक मरीज की मौत हो गई।
ताजा मामला 12 सितंबर 2025 का है, जब 'रीवा के संजय गांधी अस्पताल' के तीसरी मंजिल मेडिसिन वार्ड में शॉर्ट सर्किट से आग लगी। बिजली के बॉक्स में धमाका हुआ और धुआं पूरे वार्ड में फैल गया। हालांकि इस बार कोई जनहानि नहीं हुई।