House Rent Rules :प्रदेश में किरायेदार और मकान मालिक के हितों की रक्षा के साथ किराएदारी को बढ़ावा देने के लिए जल्द मॉडल किरायेदारी अधिनियम लागू होगा। सरकार इसकी तैयारी कर रही है। इसके लागू होने से मकानों पर कब्जा करना आसान नहीं होगा।
House Rent Rules : प्रदेश में किरायेदार और मकान मालिक के हितों की रक्षा के साथ किराएदारी को बढ़ावा देने के लिए जल्द मॉडल किरायेदारी अधिनियम लागू होगा। सरकार इसकी तैयारी कर रही है। इसके लागू होने से मकानों पर कब्जा करना आसान नहीं होगा। नए सिस्टम(House Rent Rules) में नए सिरे से किरायेदारी संबंधी विवाद सुलझाने की व्यवस्था है। इससे कोर्ट जाने की जरूरत नहीं होगी। जिले में किराया प्राधिकारी डिप्टी कलेक्टर स्तर के अफसर होंगे।
किराया न्यायालय अतिरिक्त कलेक्टर कोर्ट होगा। अपील के लिए जिला जज की अध्यक्षता में रेंट ट्रिब्यूनल गठित होगा। किरायेदारी(House Rent Rules) की पूरी जानकारी रखने के लिए अलग से पोर्टल बनेगा। नए कानून(House Rent Rules) में मकान मालिक और किरायेदार के एग्रीमेंट की सूचना किराया प्राधिकारी को 60 दिन के अंदर देनी होगी। प्राधिकारी इसे पोर्टल पर अपलोड कराएंगे। इसके बाद किराया वृद्धि या मकान खाली करने संबंधी सूचना भी इसी पर अपडेट होंगी। अभी प्रदेश में किरायेदारी अधिनियम 2010 लागू है। यह केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित है। नया एक्ट पूरे प्रदेश में ग्रामीण, शहरी, व्यावसायिक सभी संपत्तियों पर लागू होगा।
मकान का किराया मालिक और किरायेदार(House Rent Rules) आपसी सहमति से तय करेंगे। हर साल किराया वृद्धि भी तय करेंगे। उसका जिक्र एग्रीमेंट में होगा। किरायेदार की मौत होने पर उत्तराधिकारी एग्रीमेंट के अनुसार देनदारी चुकाएंगे।
-एग्रीमेंट खत्म होते ही मकान खाली न करने पर किरायेदार को पहले दो माह में दोगुना और तीसरे माह से चार गुना किराया देना होगा।
-निवास के लिए मकान किराए पर लेने पर दो माह का एडवांस किराया देना होगा।
-कारोबार के लिए प्रॉपर्टी किराए पर ली है तो 6 माह का एडवांस किराया देना होगा।
-किरायेदार एक ही परिसर में दूसरे किराएदार नहीं रख सकेगा।
मकान मालिक और किराएदार का एग्रीमेंट पंजीकृत और कानून के दायरे में होगा। अभी सामान्य स्टांप पर होता है। सामान्य टूट-फूट की मरम्मत के लिए मकान मालिक और किराएदार दोनों जिम्मेदार होंगे। किरायेदार के मना करने मकान मालिक सिक्योरिटी राशि से पैसे काटकर तो मकान मालिक के इनकार पर किरायेदार किराए से पैसा काटकर मरम्मत कराएगा।
● विवाद होने पर नल कनेक्शन, गैस सप्लाई, मार्ग, लिफ्ट, सीढ़ियां, पार्किंग, स्वच्छता सेवा और बिजली सहित अन्य जरूरी सेवाआएं मालिक बंद नहीं कर सकेंगे।
● मकान मालिक को एग्रीमेंट खत्म होने से पहले परिसर खाली कराने के लिए सक्षम प्राधिकारी के पास अपील करनी होगी। एग्रीमेंट रिन्युअल को एक माह पहले प्राधिकारी के पास आवेदन देना होगा।
● मकान खाली करने पर मालिक, किरायेदार को सुरक्षा निधि उसी दिन वापस करेगा।
केंद्र सरकार ने मॉडल किरायेदारी(House Rent Rules) अधिनियम बनाया है। इसे संशोधित कर प्रदेश में लागू किया जाएगा। मुख्य सचिव के निर्देश पर नगरीय विकास विभाग को नोडल बनाया है। विभाग ने मॉडल किरायेदारी अधिनियम का ड्राफ्ट बना लिया है। जल्द कैबिनेट में पेश होगा। अफसरों का कहना है, इसे विधि विभाग के पास भेजा है। जल्द कैबिनेट और फिर विधानसभा में पेश किया जाएगा।