Mining Conclave: स्टील, मिथेन और सीमेंट प्लांट के लिए आए निवेश, माइनिंग कॉन्क्लेव में सीएम ने दिया भरोसा, निवेशकों को सरकार का साथ, मोहन यादव बोले पन्ना में शुरू होगी पन्ना की खोज...
Mining Conclave: राजधानी में आयोजित माइनिंग कॉन्लेक्व में प्रदेश में 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले। इनमें स्टील, इंटीग्रेटेड स्टील, कोल बेड मिथेन और सीमेंट ह्रश्वलांट आदि के प्रस्ताव शामिल हैं। एनवीनायर मिनरल्स कंपनी छिंदवाड़ा और बैतूल में कोल बेड मिथेन के लिए 5 हजार करोड़ का निवेश करने जा रही है। सरकार की मंशा है कि जो खनिज प्रदेश में निकल रहे हैं उनके उत्पाद भी यहीं बनने चाहिए।
इसके प्रयास किए जा रहे हैं। अभी खनन क्षेत्र से सरकार को 10 हजार करोड़ का सालाना राजस्व मिलता है, इसे भी 50 हजार करोड़ तक पहुंचाना है। जो निवेशक आ रहे हैं, उन्हें सरकार सहयोग करेगी। सीएम डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को माइनिंग कॉन्लेक्व में कहीं।
खदानों की नीलामी में मप्र को पहला स्थान मिला है, यह इन नीतियों का नहीं कमाल है। सीएम ने कुछ निवेशकों से चर्चा भी की। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने निवेशकों से अनुरोध किया कि यदि उनके ऑफिस वाले लोग सरकारी नीतियों के बारे में कुछ गलत फीडबैक दें तो सीधे हमारे उच्चाधिकारियों से जरूर बात करें।
सीएम ने कहा, एमपी में अब सोना भी निकल रहा है। पन्ना जिले में हीरा निकलता है, पर पन्ना नहीं मिला। पन्ना नाम रखा है तो कुछ कारण होगा, इसलिए खोज होनी चाहिए कि यहां पशूरन्ना रत्न तो नहीं छिपा है। सीएम ने खान मंत्रालय की पुस्तिका खनन क्षेत्र में सुधार का विमोचन किया। मॉइल और खनिज निगम के बीच मैंगनीज ब्लॉकों के दोहन के लिए एमओयू हुआ।
ऐसी की गड़बड़ी की आशंका नहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने खनन क्षेत्र के लिए ऐसी नीतियां बनाई कि कहीं से कोई घपला-घोटाला सामने नहीं आया। सीएम ने कहा, खनिज विभाग मेरे पास है। इसे मैं बहुत झंझट समझ रहा था, डर लगता था कि कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाए।
फाइल बहुत देखकर साइन करता था, पर इन नीतियों से मेरा डर खत्म हो गया। क्योंकि मोदी सरकार की नीतियां ऐसी हैं कि इनमें कोई भी गड़बड़ी नहीं कर सकता है। खनिज विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला ने बताया, येलो फॉस्फोरस नया खनिज है, जिसका उत्पादन देश में कहीं नहीं होता। अब प्रदेश में इसके ह्रश्वलांट लगाने पर विचार हो रहा है। इसका मुय उपयोग खाद बनाने में होता है। डिटर्जेंट, पानी शुद्ध करने में भी प्रयोग होता है।