Illegal colonies- अवैध कॉलोनियों पर सख्त अधिनियम, कॉलोनी की जमीन भी जब्त कर लेगी सरकार
Illegal colonies - सरकार की लाख कोशिश के बावजूद एमपी में अवैध कॉलोनियों पर लगाम नहीं लग पा रही है। इनकी संख्या लगातार बढ़ते जा रही है। अवैध कॉलोनी बनाने पर महज 10 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। बेईमान बिल्डरों के लिए यह बेहद मामूली राशि होती है जिसे भरकर वे बचते रहते हैं। अब सरकार नया अधिनियम लगाकर ऐसे कॉलोनाइजरों और बिल्डरों पर अंकुश लगाने की तैयारी कर रही है। नगरीय विकास विभाग के सूत्रों के अनुसार इसके अंतर्गत अवैध कॉलोनी बनाने पर सजा सख्त की जा रही है। जुर्माना की राशि एक करोड़ की जा रही है। इतना ही नहीं, प्रस्तावित अधिनियम में सरकार अवैध कॉलोनी की जमीन जब्त करने का प्रावधान भी कर रही है।
मध्यप्रदेश में तय मानकों के मुताबिक वर्तमान में करीब 10 हजार अवैध कॉलोनियां हो चुकी हैं। प्रदेश के सभी 16 नगर-निगमों और 413 नगरीय निकायों में अवैध प्लॉटिंग हैं। राज्य सरकार 31 दिसंबर 2022 तक बनी अवैध कॉलोनियों को वैध (नियमित) करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर चुकी है। इस बीच हजारों नई अवैध कॉलोनियां उग आई हैं।
दरअसल प्रदेश में अवैध कॉलोनी पर अंकुश लगानेवाले कानून ज्यादा सख्त नहीं हैं। इस स्थिति में बिल्डर पर 10 लाख रुपए का जुर्माना या 7 साल की सजा का प्रावधान है। बेईमान बिल्डर जुर्माना चुकाकर बच रहे हैं।
अवैध कॉलोनी बनानेवालों के खिलाफ अब राज्य सरकार कड़ा कानून बना रही है। प्रदेश के नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रस्तावित अधिनियम में अवैध कॉलोनाइजर या बिल्डर के लिए सजा बढ़ाई जा रही है। इसमें जुर्माना राशि एक करोड़ रुपए की जा रही है जबकि कैद की अवधि को 10 साल किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि ‘मप्र कॉलोनी एकीकृत अधिनियम-2026’ से अवैध कॉलोनियों पर प्रभावी लगाम लग सकेगी।
खास बात यह है कि प्रस्तावित अधिनियम में अवैध कॉलोनी की जमीन जब्त करने का भी प्रावधान किया जा रहा है। इसमें
संबंधित बिल्डर को नोटिस देकर 15 दिन की मोहलत दी जाएगी। इसके बाद प्रशासन अवैध निर्माण को हटा देगा। साथ ही राज्य सरकार अवैध कॉलोनी की जमीन भी जब्त कर लेगी।
बताया जा रहा है कि नए एक्ट में कॉलोनी डेवलपमेंट और कॉलोनाइजर से जुड़े कुछ प्रावधानों को हटाया जा रहा है।
कलेक्टर को इस संबंध में और सक्षम बनाया जाएगा जिससे वे एसडीएम के माध्यम से सख्त निर्णयों का पालन करा सकेंगे।