MP news: मध्य प्रदेश की राजनीति में नई तस्वीर, दिग्विजय सिंह और कमलनाथ एक साथ आए... 2020 में कांग्रेस सरकार गिरने के बाद पैदा हुए मतभेदों को पीछे छोड़ दो दिग्गज नेताओं की मुलाकात के क्या मायने, क्या एमपी कांग्रेस को वाकई होगा फायदा?
mp news: मध्य प्रदेश की सियासत में शुक्रवार की सुबह एक दिलचस्प घटनाक्रम सामने आया। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर एकजुटता का संदेश दिया। खास बात यह रही कि उन्होंने साफ कहा, 'छोटे-मोटे मतभेद रहे हैं, लेकिन मनभेद कभी नहीं।'
दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh)ने एक्स पर अपनी पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि, 'कमलनाथ (Kamalnath) से उनका लगभग 50 साल पुराना पारिवारिक संबंध है। राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन दोनों नेताओं ने हमेशा कांग्रेस की विचारधारा के लिए मिलकर संघर्ष किया है और आगे भी यही सिलसिला जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने दोनों को नेतृत्व के मौके दिए और जनता ने उन पर हमेशा स्नेह बरसाया है।
बता दें कि मार्च 2020 में जब कमलनाथ सरकार गिरी थी, तब दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल चला। दोनों के बीच विवाद की ये तस्वीर खुलेआम सामने आई। दिग्विजय और कमलनाथ, दोनों ही एक-दूसरे को सरकार (MP Congress) गिराने के लिए जिम्मेदार मानते रहे। यही वजह थी कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच भी यह धारणा बनी कि आपसी टकराव ने ही पार्टी को सत्ता से बाहर किया। लेकिन, अब दिग्विजय सिंह की ये सोशल मीडिया पोस्ट नया संकेत देती है कि कांग्रेस आगामी समय में पुराने मतभेदों को पीछे छोड़कर नई एकजुटता की तस्वीर पेश करना चाहती है।
मामले में राजनीतिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि कांग्रेस का ये संदेश बड़े प्रयास की बानगी है कि वह अपनी फीकी पड़ी चमक को दोबारा पाना चाहती है। लेकिन केवल हम साथ-साथ की तस्वीरें भर शेयर करने या बयान देने से खोई साख को पाना इतना आसान नहीं है। क्योंकि असली फायदा तभी है, जब नई लीडरशिप एकजुट होकर व्यक्तिगत अहंकार को किनारे रख दे और फिर काम करे। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को राहुल गांधी ने नई जिम्मेदारी दी है, लेकिन अब तक टीम बनाने और कार्यकर्ताओं को जोड़ने की ठोस कोशिश नजर नहीं आई है।
दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की ये साझा तस्वीर केवल प्रतीकात्मक संदेश भर नहीं है, बल्कि यह एमपी कांग्रेस (MP Congress) के भीतर एक 'नए अध्याय' की शुरुआत का संकेत भी हो सकती है। सवाल यह है कि क्या ये एकजुटता मैदान तक भी पहुंच पाएगी या फिर यह महज सोशल मीडिया तक सिमट कर रह जाएगी।