MP News: मध्य प्रदेश के किसान प्याज सड़क पर फेंक रहे हैं, इस पर कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना के ताजा बयान के बाद सियासी गलियारों में हलचल मच गई है, कांग्रेस का आरोप है कि ये तो किसानों का सरासर अपमान है…
MP news: मध्य प्रदेश में प्याज के दाम गिरने और किसानों द्वारा अपनी उपज सड़क पर फेंकने की घटनाओं के बीच राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। यहां कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना के ताजा बयान ने इस मुद्दे को और गर्मा दिया है। दरअसल खजुराहो में मीडिया से बात करते हुए कंसाना ने कहा कि 'अच्छी सप्लाई' के कारण किसान प्याज फेंक रहे हैं। उनका दावा था कि इस बार उत्पादन और सप्लाई दोनों बेहतर रही हैं, इसलिए बाजार में भरपूर आवक के चलते प्याज के दाम नीचे आ गए हैं।
यही नहीं कंसाना ने प्याज उत्पादन को बागवानी क्षेत्र से जुड़ा बताते हुए कहा कि कांग्रेस शासन के समय स्थिति अलग थी, 'कांग्रेस के दौरान प्याज नहीं था। किसानों को पानी नहीं मिलता था, इसलिए उत्पादन भी कम होता था।' मंत्री का संकेत यह था कि मौजूदा सरकार की नीतियों ने खेती और सिंचाई की स्थिति बेहतर की है, जिसके चलते उत्पादन बढ़ा है और बाजार में पर्याप्त मात्रा में प्याज उपलब्ध है।
इस मामले में विपक्षी कांग्रेस ने कंसाना के बयान को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस का कहना है कि यह तो किसानों का सरासर अपमान है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इंदौर में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि सरकार किसानों की तकलीफ को समझने के बजाय उल्टा उन्हें ही दोषी ठहरा रही है। पटवारी ने आरोप लगाया कि गलत सप्लाई चेन प्रबंधन, सरकारी खरीद में देरी और मूल्य स्थिरीकरण के ठोस इंतजाम न होने के कारण किसान अपनी उपज को सड़क पर फेंकने को मजबूर हुए हैं।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि, किसान लागत निकालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जबकि सरकार उनके दर्द को हल्का बताने में लगी है। इधर पार्टी ने मांग की है कि सरकार इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करे, समर्थन मूल्य या परिवहन-भंडारण में राहत दे और प्याज उत्पादक किसानों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करे। कहना होगा कि प्याज के बाजार में आई गिरावट अब केवल आर्थिक मुद्दा नहीं रह गई है, बल्कि सत्ता और विपक्ष के बीच नए राजनीतिक टकराव का केंद्र बन गई है।