
Cancer News good news for patient (फोटो: पत्रिका)
MP News: बायो डिजाइन इनोवेशन सेंटर, रानी दुर्गावती विवि के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने कैंसर उपचार के क्षेत्र में अहम उपलब्धि हासिल की है। अनुसंधानकर्ताओं ने पौधों में पाए जाने वाले औषधीय मेटाबोलाइट की पहचान की है, जो कीमोथैरेपी का जैव-अनुकूल, कम दुष्प्रभावी और सुरक्षित विकल्प बन सकते हैं। ये बायो-मॉलिक्यूल कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने की क्षमता रखते हैं। मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।
अगला परीक्षण इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और देश के प्रमुख कैंसर संस्थानों के सहयोग से किया जाएगा। परीक्षण सफल होते हैं, तो यह शोध कैंसर उपचार के क्षेत्र में नई औषधीय दिशा की आधारशिला बन सकता है।
डीआइसी प्रयोगशाला में कुल 1100 से अधिक पौध-जनित मेटाबोलाइट कंपाउंड्स का परीक्षण किया गया। रक्त लिम्फोसाइट परीक्षणों में विथाफेरिन-ए और मायरिसिटिन ने कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को सीधे तौर पर रोकने की क्षमता प्रदर्शित की।
एमपी के इन शोधकर्ताओं ने अश्वगंधा में मौजूद प्रोटीन्स को अलग किया, जिनमें विथाफेरिन-ए नामक सक्रिय बायो-मॉलिक्यूल की पुष्टि हुई। यह तनाव नियंत्रण, प्रतिरक्षा बढ़ाने और कोशिकाओं की सुरक्षा में सहायक माना जाता है। मोरिंगा की पत्तियों, ब्लूबेरी और ब्लैकबेरी के विश्लेषण में शोध दल ने सैकड़ों प्रोटीन्स की पहचान के बाद मायरिसिटिन को पृथक किया।
Published on:
10 Dec 2025 10:31 am
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