भोपाल

Explore: कहां है भारत का दूसरा बनारस, गुलाबी सर्दी में यहां घूमकर आ जाएगा मजा

mp tourism: घाटों के शहर के नाम पर यदि आपको भी बनारस/वाराणसी, उत्तर प्रदेश की याद आती है, तो यहां आप गलत हो सकते हैं, क्यों कि भारत में एक और शहर है जिसकी पहचान खूबसूरत घाटों से होती है। उस पर इसकी खासियत जान जाएंगे तो घूमने के लिए यहां बार-बार आएंगे… क्या आपको पता है कहां है भारत का दूसरा 'बनारस'…

3 min read
Sep 25, 2024
mp tourism

Explore Maheshwar: देश-दुनिया में घूमने के शौकीन हैं तो भारत का दिल मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) भी आपकी टूरिज्म बकेट में जरूर शामिल होगा। टाइगर स्टेट में घूमने के लिए केवल जंगल नहीं हैं, बल्कि ये अपनी ऐतिहासिक और प्राचीन सम्पदा से इतना समृद्घ है कि यहां एक-एक टूरिज्ट प्लेस पर घूमने में उम्र के कई साल गुजर जाएंगे। बात एमपी टूरिज्म की चली है तो आज patrika.com आपको बता रहा है देश के दूसरे बनारस के बारे में…जी हां आप बिल्कुल सही सोच रहे हैं…देश के दिल मध्य प्रदेश में ही है खूबसूरत

घाटों का शहर… भारत का दूसरा बनारस…

घाटों के इस शहर का नाम है महेश्वर.. एक छोटे से कस्बे के रूप में सुबांधु नामक शासक ने चौथी शताब्दी में महेश्वर को बसाया था। बाद में होल्कर शासकों ने इंदौर को अनपी राजधानी की लिस्ट से हटाते हुए महेश्वर को ही राजधानी घोषित कर दिया।

जब अहिल्या बाई होल्कर शासक बनीं तो, उन्होंने सिर्फ महेश्वर के नहीं पूरे देश के मंदिरों का पुनरुद्धार कराया। ये वे मंदिर थे जिन्हें मुगलों ने तोड़ दिया था। अहिल्या बाई होल्कर ने नर्मदा नदी किनारे घाट भी बनाए। ये इतने सुंदर हैं कि बॉलीवुड की कई फिल्मों की शूटिंग यहां हो चुकी है। वहीं फिल्मों में कई बार बनारस के नाम से दिखाए जाने वाले सीन भी महेश्वर के घाटों पर ही शूट किए गए हैं।

रामायण, महाभारत में भी है जिक्र, जानें क्या था महेश्वर पुराना नाम


महेश्वर का जिक्र हिन्दुओं के ग्रंथ रामायण और महाभारत में भी मिलता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि महेश्वर का प्राचीन नाम माहिष्मति था। जब आप यहां घूमने आएंगे तो यहां की गली-गली आपको इस ऐतिहासिक शहर की कहानी सुनाती नजर आती है।

महेश्वर में घूमने के लिए क्या-क्या

घाटों के शहर महेश्वर में आने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि बनारस की तरह यह एक आध्यात्मिक शहर जरूर है। लेकिन इसकी बड़ी खासियत ये है कि आपको यहां बनारस की भीड़ नहीं मिलेगी। आध्यात्मिकता के बीच आप कुछ पल अपने साथ और सुकून से बिता सकते हैं। आधुनिकता की चकाचौंध से दूर महेश्वर की सुबह पक्षियों के कलरव से होती है, जो आज हम कम ही सुन पाते हैं। नेचर की खूबसूरती का यही अहसास आपकी सारी थकान दूर कर देता है।

महेश्वर (Maheshwar) की खूबसूरती और जो भी आप यहां देखते और पाते हैं, उन सबके लिए आपका मन थैंकफुल जरूर हो जाएगा। लेकिन इसका सारा श्रेय अहिल्या बाई होल्कर के साथ ही उनकी बहू कृष्णा बाई होल्कर को जाता है, क्योंकि ये सब यहां उन्होंने ही बनवाया था।

इस खूबसूरत और सुकूनपरस्त शहर में देखने के लिए एक नहीं बल्कि 15-20 टूरिस्ट प्लेस हैं। इनमें महेश्वर का किला, महल, नर्मदा के घाट, मंदिर शामिल है। हर टूरिस्ट प्लेस पर शॉपिंग के लिए मार्केट, खाने और ठहरने की शानदार व्यवस्था है।

होलकर किला


इसका तो नाम से पता चलता है कि ये रानी अहिल्याबाई होल्कर का घर था। इस किले को रानी का किला भी कहा जाता है। कभी यह रानी का मुख्यालय हुआ करता था, अब ये एक गेस्ट हाउस के रूप में बदल चुका है। इसका प्रबंधन इंदौर के महाराजा के बेटे द्वारा किया जाता है। आप दीवारों के अंदर की गई वास्तुकला के देखकर आप खुश हो सकते हैं और वाह कहे बिना नहीं रह सकते।

मंडलेश्वर

महेश्वर से 5 किलोमीटर दूर होने के कारण यह स्थान नर्मदा नदी के तट पर है। आप शहर में घूम सकते हैं और कुछ स्थानीय बाजारों में खरीदारी कर सकते हैं। इस शहर की नींव रखने वाले प्राचीन वास्तुकार की सुंदरता आपका मन मोह लेगी। नर्मदा के तट पर होने कारण यहां वॉटर एडवेंचर्स का मजा लिया जा सकता है।

रजवाड़ा

इस परिसर में रानी अहिल्याबाई होल्कर की एक ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है, इसे देखते ही आप राज्य पर रानी के प्रभाव को आसानी से समझ जाएंगे। यहां बनी इमारत में मराठा शैली नहीं, मुगल और फ्रांसीसी वास्तुकला नजर आएगी। कई रोचक कहानियां और किस्से भी यहां सुनाई देते हैं। रानी की मूर्तियात्रा के लिए भी ये फेमस है।

नर्मदा घाट

नर्मदा घाट (Narmada Ghat) इस शहर के किनारे पर बसा एक मुख्य टूरिस्ट प्लेस है। दरअसल ये पूरा शहर नदी के किनारे बसा हुआ है, आप यहां आकर अपनी छुट्टियों का मजा दोगुना कर सकते हैं। इसके अलावा, आप यहां भी वॉटर एडवेंचर का मजा ले सकते हैं।

नर्मदा के इस तट पर चार मुख्य घाट हैं, अहिल्या घाट, पेशवा घाट, महिला घाट और फांसे घाट जिन्हें देखने दूर-दूर से टूरिस्ट आते हैं।

घूमने के लिए सबसे बेस्ट समय


यहां घूमने के लिए सबसे सही समय है सर्दियों का मौसम.. अक्टूबर से मार्च तक गुलाबी ठंड और गुनगुनी धूप में घूमने में आपको मजा आ जाएगा। तो आइए मध्य प्रदेश के बनारस में आपका स्वागत है।

यह भी देखें:

Updated on:
25 Sept 2024 04:16 pm
Published on:
25 Sept 2024 02:20 pm
Also Read
View All

अगली खबर