MP Weather: अलग अलग स्थानों पर सक्रिय मौसम प्रणालियों के असर से मध्य प्रदेश का मौसम एकदम बदला, अगले 72 घंटों में कई जिलों में भारी बारिश...।
MP Weather: मध्यप्रदेश में भले ही कई जिलों से मानसून की विदाई हो चुकी है लेकिन अलग अलग मौसमी प्रणालियां सक्रिय होने से अभी भी प्रदेश में कहीं कहीं बारिश का सिलसिला जारी है। सीधी,रीवा जिले में बुधवार को कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश हुई। इसी बीच मौसम विभाग ने जो बुलेटिन जारी किया है उसमें प्रदेश के 4 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के मुताबिक नए सिस्टम बनने के कारण अगले 72 घंटों में प्रदेश के कई जिलों में अतिभारी बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने बुधवार को अगले 24 घंटे (गुरूवार की सुबह 8.30 बजे) तक के लिए जो ताजा बुलेटिन जारी किया है उसमें रीवा, सतना, पन्ना और मैहर जिलों में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, मऊगंज, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पांढुर्णा जिलों में झंझावत और वज्रपात का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
RMC नागपुर की रिपोर्ट के मुताबिक अगले तीन दिनों में यानी 72 घंटों में पूर्वी और पश्चिमी मध्यप्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं अगर मौसमी प्रणालियों की बात की जाए तो एक निम्न दाब क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य भाग पर अवस्थित है जो अगले 12 घंटों के दौरान उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते रहने और इसी क्षेत्र में एक अवदाब में केंद्रित होने की संभावना है। इसके और तीव्र होकर एक गहरे अवदाब में परिवर्तित होने और 3 अक्टूबर की सुबह दक्षिण ओडिशा-उत्तर आंध्र प्रदेश के तटों को पार करने की संभावना है। इसके अलावा एक और निम्न दाब क्षेत्र उत्तर-पूर्व अरब सागर और संलग्न सौराष्ट्र तट पर अवस्थित है और इससे जुड़ा चक्रवातीय परिसंचरण माध्य समुद्र तल से 7.6 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है। अगले 12 घंटों के दौरान इसके लगभग पश्चिम की ओर बढ़ने और उत्तर-पूर्वी अरब सागर के ऊपर एक अवदाब दाब में परिवर्तित होने की संभावना है।