Narmada River : एक तरफ ज्यादातर नदियां हिमालय से निकलकर दक्षिण-पूर्व दिशा में बहती है और आखिर में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है लेकिन एक ऐसी नदी भी है जो अलग ही रास्ते को चुनती है और कही दूसरी जगह जाकर खुद के वजूद को मिटा लेती है।
Narmada River: भारत आस्था का देश है, जहां कण-कण में शंकर का वास है, नदियों में देवी और पेड़-पौधों में लोग ईश्वर को पूजते है। यहां 200 से भी ज्यादा नदियां बहती हैं। एक तरफ ज्यादातर नदियां हिमालय से निकलकर दक्षिण-पूर्व दिशा में बहती हुई आखिर में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं। लेकिन, एक ऐसी नदी भी है जो अलग रास्ता चुनती है और कहीं दूसरी जगह जाकर अपना वजूद मिटा लेती है। पढ़ें इंट्रेस्टिंग स्टोरी...
भारत की एकलौती नदी जो उल्टा बहती है...नाम है नर्मदा। मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियों में से एक है नर्मदा नदी। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर इसकी तट पर स्थित है। ये भारत की पांच बड़ी नदियों में से एक है।
देश में 200 से ज्यादा प्रमुख नदियां हैं, जो दक्षिण-पूर्व दिशा में बहते हुए बंगाल की खाड़ी का आलिंगन करती हैं, लेकिन इनमे नर्मदा एक मात्र ऐसी नदी है जो बंगाल की खाड़ी में न मिलकर अरब सागर में मिल जाती है। यही कारण है कि इसे उल्टी चाल वाली नदी या उल्टी बहने वाली नदी कहा जाता है।
नर्मदा की उल्टी चाल को लेकर कई लोक मान्यताएं मिलती हैं। कई पौराणिक कथाओं के कारण नर्मदा के प्रेम, विश्वाश्घात और बदले की कहानी लोगों बीच ज्यादा लोकप्रिय है। लोक कथाओं के अनुसार नर्मदा एक बेहद खूबसूरत राजकुमार से प्यार करती थी। राजकुमार का नाम सोनभद्र था। इस प्रेम कहानी में एक तीसरा शख्स भी था जिसके चलते इस प्रेम कहानी का एक दुखद अंत हो गया।
राजकुमार सोनभद्र नर्मदा की एक दासी जुहिला को अपना दिल दे बैठे। इस बात की जानकारी लगते ही नर्मदा टूट सी गईं। प्यार में मिले धोखे और पीड़ा को मन में लिए नर्मदा ने विपरीत दिशा में बहने का फैसला किया और अपनी राह दगल ली। आज नर्मदा नदी बाकियों से अलग अपनी बनाई राह पर बहते हुए अरब सागर में मिल जाती है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि नर्मदा का उल्टा बहना रिफ्ट वैली के कारण होता है। रिफ्ट वैली जिसे भ्रंश घाटी या जर्मन भाषा में 'ग्राबेन' भी कहा जाता है। इसके चलते नदी के प्रवाह के लिए जो उसका ढलान है वो वो उल्टी दिशा में है।