प्रजापिता ब्रह्मकुमारी संस्थान में गीता सार पर प्रवचन
भोपाल. आज समाज में निगेटिविटी का प्रभाव बढ़ रहा है। विभिन्न कारणों से लोग नकारात्मकता में आ जाते हैं। मानसिक प्रदूषण और बीमारियों का कारण भी व्यक्ति का नकारात्मक प्रभाव में आना है। ऐसे में बच्चे भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। दूषित और विकृत मानसिकता भारत को स्वच्छ और स्वस्थ्य कैसे बना सकती है। धर्मग्रंथों का रोल भारत के भविष्य को बनाने में बहुत सुंदर हो सकता है।
यह बात राजयोगिनी उषा दीदी ने ब्लेसिंग हाउस में स्वस्थ्य भारत के निर्माण में धर्मग्रंथों एवं मीडिया की भूमिका पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि स्वस्थ्य भारत के निर्माण में मीडिया भी बहुत महत्वपूर्ण रोल प्ले कर सकता है। उन्होंने कहा कि मेरा धर्म तेरा धर्म में पड़कर हम धर्मों की जड़ एवं बीज को भूल गए हैं। निश्चित करें कि हम एक होकर आए थे और एक ही रहना है। सभी धर्मों का बीजरूप है परमात्मा । परमात्मा एक है परंतु सभी धर्मों ने नाम अलग अलग दे दिए। किसी ने ईश्वर कहा, किसी ने अल्लाह कहा, किसी ने मालिक कहा लेकिन परमात्मा है वही। कार्यक्रम में रामचंद्र गायकवाड गायत्री शक्तिपीठ, मौलाना प्रो. मोहम्मद हसन खान, भंते राहुल पुत्र सहित अनेक लोग मौजूद थे। इसके साथ ही सफल और सुखी जीवन का आधार गीता सार पर प्रवचन भी हुए।