MP Dial 100: सरकार ने इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम डायल 100 के दूसरे चरण में एआइ का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है।
MP Dial 100: मध्यप्रदेश में अब डायल 100 को कॉल करने पर नंबर व्यस्त नहीं आएगा। साथ ही रिस्पांस टाइम भी कम हो जाएगा, जिससे लोगों की शिकायत तुरंत संबंधित अधिकारी तक पहुंचने में तत्परता आएगी। दरअसल आपातकाल में पुलिस को की जाने वाली कॉल को लेकर लगातार शिकायतें आ रही थीं। इससे निपटने के लिए सरकार ने इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम डायल 100 के दूसरे चरण में एआइ का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है।
इस चरण के प्रोजेक्ट को 1565 करोड़ रुपए का फंड मिलने के बाद टेंडर जारी करने को लेकर काम शुरू हो गया है। साथ ही नवाचारों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, रिस्पांस टाइम कम करने और इसे प्रभावी बनाने के लिए एआइ आधारित ऑटो डिस्पैच तकनीक को लागू किया जाएगा, जिससे रिस्पांस टाइम भी काफी हद तक कम हो सकेगा। एआइ बेस्ड इस तकनीक में क्लाउड डेटा डिजास्टर, कॉलर नंबर मास्किंग और एआइ ऑटो डिस्पैच तकनीक लागू करने की तैयारी है।
मालूम हो कि डायल 100 में प्रदेशभर से हजारों फोन कॉल प्रतिदिन आते हैं। ऐसे में आम जनता की गाहे-बगाहे ऐसी शिकायतें आती रहती है कि इमरजेंसी में फोन करने पर नंबर बार-बार व्यस्त आता है। इस समस्या से निपटने के लिए कॉल हैंडलर और डिस्पैचर सीटों की संख्या में भी इजाफा किया जाएगा। कॉल हैंडलर की संख्या बढ़ाकर 100 की जाएगी और डिस्पैचर सीटों की संख्या 24 से बढ़ाकर 40 की जाएगी। इसी के साथ नंबर की गोपनियता रखने के लिए कॉलर नंबर मास्किंग की तकनीक को भी लागू किया जाएगा।
-केवल जनता नहीं, सरकार पुलिस विभाग को भी सहूलियत देने पर विचार कर रही है। इसके तहत नए टेंडर में पुलिस को शहर और गांवों के लिए अलग-अलग वाहन खरीदकर दिए जाएंगे।
-शहर में कम ग्राउंड क्लीयरेंस की गाड़ियों से भी काम चलाया जा सकता है, जबकि ग्रामीण इलाकों में पुलिस को ज्यादा ग्राउंड क्लीयरेंस वाली गाड़ियों की आवश्यकता होती है। ऐसे में 1200 गाड़ियों में 500 से ज्यादा गाड़ियां ज्यादा ग्राउंड क्लीयरेंस वाली खरीदी जाएंगी।
कॉलर के पास फोन आने के बाद डिस्पैचर को भेजा जाता है। फिर वहां से गाड़ी का मूवमेंट होता है। लेकिन एआइ डिस्पैचर सिस्टम आने से इमरजेंसी में कॉलर के पास से सीधे एआइ द्वारा डिस्पैचर प्रक्रिया को बाइपास कर गाड़ी को निर्देश मिल जाएंगे। दरअसल अभी तक इस प्रक्रिया में दो से तीन मिनट का समय लगता था, जो अब और कम हो जाएगा।-आदर्श कटियार, एडीजी, दूरसंचार
-250000 से ज्यादा शिकायतें प्रतिदिन प्रदेशभर से
-240 लोगों की प्रशिक्षित टीम तीन शिफ्ट में अटेंड करती है कॉल
-1000 से ज्यादा टीमें तैनात प्रदेश भर में डायल 100 की मदद मांगने