6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सरोगेसी के नियमों में बड़ा बदलाव, संतान सुख पाने के लिए सरकार ने दी बड़ी राहत

Surrogacy: किराए की कोख में बड़ा बदलाव, अब स्टेट एप्रोपिएट अथॉरिटी फॉर एआरटी एंड सरोगेसी लेगी निर्णय

2 min read
Google source verification
Surrogacy

Surrogacy

Surrogacy: ऐसे निसंतान दंपती जो टेस्ट ट्यूब बेबी और आइवीएफ के जरिए भी संतान सुख पाने में असफल रहे उन्हें सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरोगेसी, जिसे आम भाषा में किराए की कोख कहा जाता है, इसके नियमों में बदलाव किया गया है। अब यदि पति-पत्नी में से कोई एक भी शुक्राणु या एग देने में सक्षम है तो वे सरोगेसी का लाभ उठा सकते हैं।

क्या है सरोगेसी

सरोगेसी यानी बच्चा पैदा करने के लिए जब कोई कपल किसी दूसरी महिला की कोख निशुल्क किराए पर लेता है, तो इस प्रक्रिया को सरोगेसी कहा जाता है।

ये भी पढ़ें: साल 2025 में बंद हो जाएंगे 3 तरह के बैंक अकाउंट


सरोगेसी के लिए 25 कपल को अनुमति

नियम बदलने के साथ आवेदनों पर जल्द फैसला भी आएगा। 8 जनवरी से पहले तक इन आवेदनों पर स्टेट एआरटी बोर्ड से मंजूरी लेनी होती थी। इसमें अध्यक्ष के रूप में स्वास्थ्य मंत्री समेत 4 टेक्निकल सदस्य (विशेषज्ञ), सांसद समेत कुल 20 लोग शामिल हैं। यह बोर्ड बनाने वाले मध्य प्रदेश पहला राज्य है। हालांकि बीते एक साल में कई बैठकें हुईं, जिसमें 25 कपल को सरोगेसी की अनुमति प्रदान की गई, वहीं कई वेटिंग में हैं। इस वेटिंग को ही खत्म करने के लिए इस बोर्ड के अधीन एप्रोप्रियेट अथॉरिटी बनाई गई है।

आवेदन के लिए यह जरूरी

● जिला अस्पताल से मेडिकल सर्टिफिकेट

● स्त्री रोग विशेषज्ञ से मेडिकल और साइकोलॉजिकल फिटनेस सर्टिफिकेट

● बच्चे के जन्म के बाद कपल उसे अपने बच्चे के रूप में स्वीकार करने की नोटरी

● सरोगेसी के लिए उधार की कोख देने वाली महिला यह अपनी इच्छा और बिना किसी पैसे के लालच के कर रही है। इसका सर्टिफिकेट भी अनिवार्य है

नियमों में बदलाव से सरोगेसी का लाभ ज्यादा निसंतान दंपती उठा सकेंगे। सरकार का यह कदम निसंतान दंपती के लिए बड़ी सौगात है। डॉ. मोनिका सिंह, सदस्य, एप्रोप्रियेट अथॉरिटी व आइवीएफ