MP News: कलियासोत वन क्षेत्र के जलस्रोतों से बनी 36 किमी लंबी कलियासोत नदी अब पूरे साल कल-कल करती बहेगी। नदी पर मौजूदा ब्रिज के पास स्टॉप डैम बनेंगे। जल-संसाधन विभाग इसका सर्वे कर रहा है।
MP News: कलियासोत वन क्षेत्र के जलस्रोतों से बनी 36 किमी लंबी कलियासोत नदी(Kaliyasot River Bhopal) अब पूरे साल कल-कल करती बहेगी। नदी पर मौजूदा ब्रिज के पास स्टॉप डैम बनेंगे। जल-संसाधन विभाग इसका सर्वे कर रहा है। सर्वे के अनुसार सर्वधर्म पुल, जेके अस्पताल पुल, दानिश कुंज ब्रिज के पास स्टॉप डैम उपयुक्त होगा। इसके अलावा सलैया ब्रिज से आगे भी एक स्टॉप डैम बनाने का प्रस्ताव है। तीनों स्टॉप डैम बनने से 30 लाख घनमीटर तक पानी जमा होगा। डैम से 8 किमी तक नदी में पूरे साल पानी रहेगा।
36 किमी लंबी नदी के किनारे 8,000 एकड़ के करीब निजी जमीन है। शहर में इसका बहाव भोजपुर से मिसरोद तक 17 किमी है। इसे गुजरात की साबरमती की तर्ज पर विकसित करने की योजना है। अभी नदी 8-9 माह सूखी रहती है। कोई घाट नहीं है। नदी भोजपुर के पास बेतवा में मिलती है।
स्टॉप डैम-1: यह स्टॉप डैम सर्वधर्म के मौजूदा पुल के पास बनेगा। यह ढाई किमी की दूरी में है।
स्टॉप डैम-2: जेके और दानिश ब्रिज के बीच। यह भी दो किलोमीटर की दूरी पर है
स्टॉप डैम-3 :सलैया ब्रिज से आगे, इसमें मौजूदा सलैया ब्रिज डूबेगा, दूसरा बनाना होगा।
● शाहपुरा के पास कोलार रोड से नदी में टीटी नगर, मैनिट, पंचशील नगर, चार इमली, चूनाभट्टी के नालों से घरेलू कचरा मिल रहा है।
● मंडीदीप के पश्चिमी भाग के नाले से और दक्षिण पूर्वी भाग की बस्तियों से नदी में सीवेज व गंदा पानी जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र का कचरा मिलने से भी नदी दूषित हो रही है।
● मिसरोद व इससे जुड़ी आबादी का सीवेज नदी को गंदा कर रहा है।
पत्रिका ने कलियासोत को सदानीरा बनाने और घाट बनाकर आम लोगों की परंपराओं, आस्थाओं से जोड़ने की मुहिम शुरू की थी। इसके बाद जल संसाधान विभाग ने पहल की।
ये चुनौती भी: नदी के अंदर व बफर में करीब 1100 निर्माण हैं। स्टॉप डैम बनने से ३० लाख घनमीटर पानी जमा होगा तो ये निर्माण पानी की जद में आएंगे। इन्हें हटाना होगा।
कलियासोत में 1998 में डैम बना था। सर्वे चल रहा है। स्टॉप डैम बनाने के लिए ये प्रारंभिक तथ्य हैं।- विनोद देवड़ा, पीएस, जल-संसाधन