Attendance in MP - एमपी में अधिकारियों, कर्मचारियों की अटेंडेंस को लेकर बवाल मचा हुआ है। विभिन्न विभागों ने इसके लिए सख्त प्रावधान किए हैं, अटेंडेंस के लिए एप तक बना दिए गए हैं।
Attendance in MP - एमपी में अधिकारियों, कर्मचारियों की अटेंडेंस को लेकर बवाल मचा हुआ है। विभिन्न विभागों ने इसके लिए सख्त प्रावधान किए हैं, अटेंडेंस के लिए एप तक बना दिए गए हैं। हालांकि अधिकारियों, कर्मचारियों ने इनका तगड़ा विरोध भी किया है। ऐसे माहौल में मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने सैल्फी अटेंडेंस को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। कंपनी ने अपने मैदानी अधिकारियों के लिए इसमें खासी छूट दी है। फील्ड अधिकारियों को अब दिन में एक बार ही हाजिरी लगानी होगी।
कंपनी के मुताबिक निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने और कार्य आवश्यकताओं के लिए फील्ड अधिकारी अक्सर मैदानी भ्रमण पर रहते हैं। वे रखरखाव, विद्युत आपूर्ति और अधोसंरचना संबंधी कार्यों के लिए ग्राउंड पर आते जाते रहते हैं
जिससे उपस्थिति समय-सारणी का पालन नहीं कर पाते हैं। ऐसे में फील्ड कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए इन अधिकारियों को उपस्थिति में छूट देने का निर्णय लिया गया है।
अब जेई एवं उससे ऊपर के फील्ड अधिकारियों को दो बार उपस्थिति दर्ज करने के स्थान पर दिन में कार्यालयीन समय में एक बार उपस्थिति दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस (ओएंडएम), एसटीएम/एसटीसी/, सतर्कता, बीआई सेल तथा सिविल विभागों में फील्ड ड्यूटी पर तैनात कनिष्ठ अभियंता (जेई) एवं उससे ऊपर के अधिकारियों को ‘अटेंडेंस पोर्टल 2.0’ पर दो बार सैल्फी उपस्थिति दर्ज करने की अनिवार्यता से छूट प्रदान की जाएगी।
कंपनी ने स्पष्ट किया है कि फील्ड ड्यूटी पर लगे जेई एवं उससे ऊपर के फील्ड अधिकारी किसी भी सुविधाजनक समय पर केवल एक बार उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे। हालांकि कॉर्पोरेट कार्यालय में पदस्थ अधिकारी या फील्ड इकाइयों में केवल कार्यालयीन कार्य कर रहे अधिकारी, पूर्ववत दो बार उपस्थिति दर्ज करने की प्रणाली का पालन पूर्ववत: करते रहेंगे। अन्य सभी कर्मचारियों, जिनमें आउटसोर्स कर्मचारी भी शामिल हैं, पर प्रचलित उपस्थिति प्रणाली प्रातः 10:00 बजे तक पंच-इन तथा शाम 6:00 बजे तक पंच-आउट करेंगे। कार्यावधि 8 घंटे की लागू रहेगी।
कंपनी ने कहा है कि यह छूट केवल फील्ड गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए है तथा यह सुविधा कार्मिकों के कार्यस्थल पर उपस्थित रहने की जिम्मेदारी से मुक्त नहीं करती। यह व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 01 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक प्रभावी रहेगी।