Patrika Raid: अब चेहरे होने लगे बेनकाब, पत्रिका ने 2 राज्य में किया स्टिंग ऑपरेशन, 20 दिन जुटी रही पत्रिका की टीम, 4 दिन दुर्गम इलाकों में डाला डेरा, अपराधों के विरुद्घ पत्रिका का अभियान में आप भी बनें सहभागी रहें सतर्क... जानें क्या है मामला...
Patrika Raid: पत्रिका पाठकों के लिए केवल निष्पक्ष समाचारों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनके हर सुख-दु:ख का साथी भी है। पाठकों के साथ पत्रिका के संबंध को शब्दों में बताना संभव नहीं क्योंकि यह अनुभव का विषय है। सामाजिक सरोकार में नई पहल के अंतर्गत अब पत्रिका ने बीड़ा उठाया है समाज में अपराध की बढ़ती दर कम करने का। पत्रिका ने अपने पाठकों की सहभागिता के साथ अपराध नियंत्रण के लिए 'रक्षा कवच' अभियान की नींव रखी है।
इसमें हर उस चेहरे को बेबाकी से बेनकाब किया जाएगा, जो समाज की सुरक्षा के लिए खतरा है। अपराधों में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। बदलते दौर में आर्थिक अपराध के साथ साइबर ठगों का भी चहुंओर आतंक है। भ्रष्टाचार, महिला उत्पीडऩ, बाल-अपराध, चोरी, हत्या हर क्षेत्र में क्राइम ग्राफ लगातार बढ़ रहा है।
लोगों में अपराध से बचाव के तरीकों की जागरूकता में कमी है। पुलिस-प्रशासन अपना काम कर रहे हैं लेकिन पाठकों की सहभागिता के बिना अपराध दर में कमी मुश्किल है। तो आइए अपराध को कम करने के लिए साथ कदमताल शुरू करें…
Patrika Raid: साइबर ठग आम लोगों के बैंक खातों के लुटेरे ही नहीं बल्कि, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं। पत्रिका की पड़ताल में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है। साइबर ठगी के लिए मध्य प्रदेश, असम और उत्तर प्रदेश से बड़े स्तर पर मेवात क्षेत्र में मोबाइल और सिम सप्लाई किए जा रहे हैं। ठगों को मोबाइल और सिम देने वालों के तार बांग्लादेश तक जुड़े होने का पता चला है।
पुलिस और पत्रिका ने मिलकर जमीनी स्तर पर ऑपरेशन 'रक्षा कवच' लॉन्च किया। इसमें साइबर एक्सपर्ट्स को भी जोड़ा। फिर शुरू हुआ राजस्थान, असम, मध्य प्रदेश और बांग्लादेश में बैठे सिम सप्लायर्स की धरपकड़ का सिलसिला।