Tiger Reserve : मोहन सरकार ने रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को टाइगर रिजर्व बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज्य स्तरीय वन्य प्राणी बोर्ड से भी इसपर अनुमोदन मिल चुका है। जल्द ही रातापानी सेंचुरी को टाइगर रिजर्व घोषित करने का नोटिफिकेशन जारी होने वाला है।
Tiger Reserve : टाइगर स्टेट के नाम से पहचान रखने वाले मध्य प्रदेश में अब एक और टाइगर रिजर्व बनने जा रहा है। प्रदेश की मोहन सरकार ने रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को टाइगर रिजर्व बनाने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है। इसके लिए राज्य स्तरीय वन्य प्राणी बोर्ड से भी अनुमोदन मिल गया है। जल्द ही रातापानी सेंचुरी को टाइगर रिजर्व घोषित करने का नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। इस मामले में अच्छी बात ये है कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ( NTCA ) ने रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए 13 साल पहले यानी साल 2011 में ही सैद्धांतिक सहमति दे दी थी।
प्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद अब मध्य प्रदेश टूरिज्म को और भी पंख लगेंगे। प्रदेश में अब रिकॉर्ड तोड़ टूरिस्ट आते हैं। कई नामी-गिरामी चेहरे प्रदेश के टाइगर रिजर्व में आते हैं और बाघों का दीदार कर फोटोग्राफी करते हैं। वहीं, टूरिज्म के अलावा नया टाइगर रिजर्व बनने से क्षेत्रीय रोजगार में भी बढ़ोतरी होगी। वहीं, भोपाल देश की एकमात्र राजधानी ऐसी होगी, जहां टाइगर रिजर्व की सीमा लगेगी। यानी भोपाल की शहरी सीमा पर 22 बाघों का मूवमेंट होगा।
पेंच टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और सिवनी जिले में आता है। कान्हा टाइगर रिजर्व, मंडला जिले में आता है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया जिले में आता है। पन्ना टाइगर रिजर्व पन्ना जिले में है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नर्मदापुरम जिले में आता है। संजय दुबरी टाइगर रिजर्व सीधी जिले में आता है। रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले में आता है। इसके अलावा अब रातापानी टाइगर रिजर्व भोपाल जिले में आना प्रस्तावित है।