भोपाल

Sawan Somwar 2024: सावन में भी बंद रहता है ये शिव धाम, साल में एक दिन ही खुलते हैं शिव मंदिर के ताले

Sawan Somwar 2024: पहले सावन सोमवार को एमपी के साथ ही देशभर के शिवालय शिवमय हो गए, चारों तरफ भक्तों की लंबी कतारों में हर-हर महादेव गूंज रहा था, दूसरा सावन सोमवार आ रहा है लेकिन, इस अनोखे शिवालय में सावन में भी लटके हैं ताले

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Jul 24, 2024
Sawan Somwar 2024 : रायसेन के केलि में स्थित भगवान शिव का शिवालय सोमेश्वर धाम।

Sawan Somwar: देश के दिल मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक अनोखा शिवालय (Uniqe Temple of Shiva) है, जिसके पट सावन (sawan 2024) में भी नहीं खुलते। दरअसल भगवान शिव (Lord Shiva) का ये मंदिर साल में एक दिन ही खोला जाता है। बाकी के 364 दिन ये शिव मंदिर बंद रहता है। भगवान शिव को सावन का महीना बेहद पसंद है। लेकिन सावन के इस महीने में भी मंदिर सुनसान है। पढ़ें कहां है भगवान शिव का ये अनोखा शिवालय और यहां सालभर क्यों रहता है सूना…

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रायसेन में है सोमेश्वर मंदिर

राजधानी भोपाल से 45 किमी दूर स्थित रायसेन (Raisen) का किला (Fort) इतिहास की अनूठी कहानी कहता है। 11वीं शताब्दी के आस-पास बने इस किले पर कुल 14 बार कई मुगल शासकों और राजाओं ने हमले किए। तोपों और गोलों की मार झेलने के बाद भी आज तक यह किला सीना तानकर खड़ा है।

किले की इस प्राचीर के पास ही पहाड़ी पर एक प्राचीन शिवालय है सोमेश्वर धाम मंदिर(Someshwar Dham Temple)। इतिहासकारों के अनुसार रायसेन का किला (Raisen Fort) एक हजार ईसा पूर्व बनवाया गया था। तब आक्रमणकारियों ने इस प्राचीन शिव मंदिर (Ancient Shiv Temple) सोमेश्वर धाम मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया था।

साल में एक बार खुलता है मंदिर

ये सोमेश्वर मंदिर इस किले के परिसर में ही स्थापित है। ये मंदिर साल में केवल एक दिन महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन ही खुलता है। बाकी 364 दिन इस शिव मंदिर के पट बंद करके उन पर ताले लटका दिए जाते हैं। सोमेश्वर धाम मंदिर के प्रति आसपास के श्रद्धालुओं में गहरी आस्था है।

ये है रायसेन का सोमेश्वर धाम मंदिर, यहां साल में एक दिन होता है शिव पूजन।

एक दिन ही क्यों खुलता है मंदिर


जानकार बताते हैं कि यह मंदिर साल 1947 के बाद से ही बंद है। कई लोगों का मानना है कि मंदिर और मस्जिद विवाद के चलते इस मंदिर में ताला लगा दिया गया है। ताकि समुदायों के बीच रिश्ता और सौहाद्र न बिगड़े। इसलिए साल में केवल एक ही दिन महाशिवरात्रि पर इस मंदिर में पूजा-अर्चना की अनुमति दी जाती है।

मंदिर खुलवाने लोग कर चुके हैं आंदोलन

वहीं कुछ जानकार ये भी बताते हैं कि यह मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन हो जाने के बाद ताले में बंद कर दिया गया था। 1974 में नगर के लोगों ने एकजुट होकर मंदिर खोलने और यहां स्थित शिवलिंग की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए आंदोलन किया था। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाशचंद्र सेठी ने महाशिवरात्रि पर खुद आकर शिवलिंग की प्राण-प्रतिष्ठा कराई थी। तब से केवल एक दिन हर महाशिवरात्रि पर मंदिर के ताले खोल दिए जाते हैं। तब यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। एक विशाल मेला भी लगता है।

12वीं शताब्दी में किया गया था मंदिर का निर्माण

रायसेन किले की कहानी सुनाते ऐतिहासिक पन्नों को पलटा जाए, तो सोमेश्वर महादेव मंदिर का रोचक इतिहास मिलता है। कहा जाता है कि इस पवित्र मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था। इससे जुड़ा एक मिथक भी है कि इस मंदिर का निर्माण इस तहर किया गया था कि सुबह उगते सूर्य की किरणें जैसे ही सोमेश्वर धाम पर पड़ती हैं, तो मंदिर के कुछ हिस्से सोने जैसी सुनहरी रोशनी की तरह जगमगा उठते थे।

चमत्कारिक है मंदिर, हर मुराद होती है पूरी

एक दिन के लिए ही सही लेकिन सोमेश्वर धाम मंदिर (Someshwar Dham Temple) भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि जो भी भक्त यहां महाशिवरात्रि के दिन सच्चे मन से भगवान शिव के दर्शन करने पहुंचता है, उसकी हर मुराद पूरी हो जाती है। यही कारण है कि यहां आने वाले शिवभक्त साल में एक बार महाशिवरात्रि पर भले ही दर्शन करने यहां आते हैं। लेकिन अन्य दिनों में मंदिर के पट बंद रहने के बादजूद मंदिर के बाहर बैठकर ही भगवान शिव का आह्वान करते हैं और पूजा-अर्चना कर लेते हैं।

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