CS course - मध्यप्रदेश के स्टूडेंट्स इस सब्जेक्ट पर माने फिदा हो गए हैं। इंजीनियरिंग के कम्प्यूटर साइंस का जादू छात्र-छात्राओं के सिर चढ़कर बोल रहा है।
CS course - मध्यप्रदेश के स्टूडेंट्स इस सब्जेक्ट पर माने फिदा हो गए हैं। इंजीनियरिंग के कम्प्यूटर साइंस का जादू छात्र-छात्राओं के सिर चढ़कर बोल रहा है। हाल ये है कि इस कोर्स में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थी नॉमल से तीन गुना फीस देने के लिए भी तैयार हैं। इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों में कम्प्यूटर साइंस यानि सीएस का क्रेज बरकरार है। सीएस और इंजीनियरिंग आज भी छात्रों की पहली पसंद है। प्रदेश के करीब एक दर्जन इंजीनियरिंग कॉलेजों में आईपीएस (इंस्टीट्यूशन प्रिफरेंस फीस) कोटे की सीटों पर प्रवेश होना है। इनमें हर कोई सीएस कोर्स के लिए बेकरार दिख रहा है।
भोपाल, इंदौर के करीब 6 कॉलेजों में आईपीएस सीटों की डिमांड की थी, इनमें लगभग 350 सीटें हैं। इन कॉलेजों ने तकनीकी शिक्षा विभाग से 20-20 हजार रुपए देकर आइपीएस की सीटें ली हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि कॉलेज आइपीएस की सीटों पर कुल सीटों में से 10 प्रतिशत पर ही प्रवेश दे सकता है।
नियमानुसार आईपीएस की सीटों पर प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियों को तीन गुना अधिक फीस देना होती है। इन सीटों पर बीटेक और बीबीए में प्रवेश के लिए बुधवार से शुरु होनेवाली रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 14 अगस्त तक चलेगी। वहीं बीआर्क में आईपीएस की सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया 7 अगस्त से शुरू होकर 14 अगस्त तक चलेगी।
सीएस एंड इंजीनियरिंग आज भी छात्रों की पहली पसंद है। इसमें अब तक 3 हजार 400 छात्रों ने प्रवेश लिया है। सीएसएआईएमएल में 2322, सीएस डाटा साइंस में 555 और सीएस साइबर सिक्योरिटी में 252 छात्रों ने रुचि दिखाई।