अरेरा हिल्स िस्थत मौसम केंद्र में सोमवार को विश्व मौसम विज्ञान दिवस के मौके पर विभिन्न कॉलेजों के विद्यार्थियों ने मौसम प्रणाली के कामकाज को समझा।
भोपाल. अरेरा हिल्स िस्थत मौसम केंद्र में सोमवार को विश्व मौसम विज्ञान दिवस के मौके पर विभिन्न कॉलेजों के विद्यार्थियों ने मौसम प्रणाली के कामकाज को समझा। इस दौरान विद्यार्थियों ने मौसम विभाग के अधिकारियों के साथ मौसम केंद्र का भ्रमण किया। मौसम विज्ञानियों द्वारा किस तरह तापमान लिया जाता है, डाप्लर रेडार किस तरह काम करता है, किन उपकरणों की सहायता से कौन सी जानकारी मिलती है सहित अन्य जिज्ञासाओं को लेकर मौसम विज्ञानियों से बातचीत की। इस बार विश्व मौसम विज्ञान दिवस की थीम अर्ली वार्निंग में गैप को समाप्त करना है। आम लोगों और युवाओं में मौसम विज्ञान के प्रति जागरुकता बढ़े इसलिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान अलग-अलग कॉलेजों के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने अलग-अलग समय में मौसम केंद्र पहुंचकर यहां कामकाज के बारे में जाना। इस दौरान पूर्वानुमान और सेवाओं को वीडियों, प्रस्तुतियों के माध्यम से समझाया गया। इस मौके पर मौसम केंद्र के निदेशक अजय कुमार सिंह ने कहा कि विद्यार्थी और लोग जागरुक हो, साथ ही मौसम संबंधी उपकरणों के बारे में जाने, समझे इसलिए यह आयोजन किया गया। इस मौके पर वैज्ञानिक डी डॉ वेदप्रकाश सिंह, वरिष्ठ विज्ञानी एचएस पांडे सहित अनेक लोग मौजूद थे।
थ्रीडी मॉडल, वीडियो के जरिए बताए पूर्वानुमान के तरीके
इस मौके पर आईएमडी के विभिन्न उपकरणों, उनके कार्य सिद्धांत और इकाईयों को प्रदर्शित करने क लिए प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसमें थ्रीडी मॉडल, वीडियो प्रदर्शित किए। इसके साथ ही नेटवर्क सेवा, इतिहास के बारे में भी जानकारी दी गई। अधिकारियों द्वारा रेडियोसोंडे, रेन गेज, स्टीवेंसन स्क्रीन, विंड वेन, सनशाइन रिकॉर्डर, हाइग्रोमीटर, बैरोमीटर, विकिरण उपकरण के माध्यम से कामकाज को समझाया गया। इसके साथ ही स्वचलित मौसम स्टेशन की स्थापना और संचरण तंत्र को बताया। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। प्रश्नोत्तरी के जरिए ज्ञानवर्धन मौसम केंद्र का भ्रमण करने के बाद विद्यार्थियों के लिए प्रश्नोत्तरी का सत्र भी रखा गया, जिसमें मौसम सहित वर्तमान तकनीक पर आधारित सवाल केंद्र के निदेशक अजय कुमार सिंह ने विद्यार्थियों से पूछे, इसका सही जवाब देने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।