Vitamin-D Deficiency Myth: क्या आप जानते हैं सनस्क्रीन लगाने में Vitamin-D बनने की प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं पहुंची। इसका का खुलासा खुद जेपी अस्पताल के डॉक्टर ने किया।
Vitamin-D Deficiency Myth: क्या आप जानते हैं रोजाना सन स्क्रीन के इस्तेमाल से आपके शरीर में विटामिन डी (Vitamin-D) बनने की प्रक्रिया बाधित नहीं होती। यह एक आम धारण है कि सनस्क्रीन (SunScreen) लगाने से यूवी किरणों से बचाने के साथ-साथ शरीर को 'सनशाइन विटामिन' बनाने से भी रोकती हैं, लेकिन रिसर्च इस बात को खारिज करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि विटामिन डी की कमी की असली वजह खराब जीवनशैली है, न कि सनस्क्रीन।
सर्दियों के मौसम में, जब तीखी धूप कम समय के लिए मिलती है, तो विटामिन डी की कमी होना सामान्य है। हालांकि, प्रयोगशाला में किए गए कृत्रिम पराबैगनी (यूवी) किरणों के साथ परीक्षणों में यह पाया गया है कि सन स्क्रीन लगाने से विटामिन डी के निर्माण पर कोई खास असर नहीं होता है। यहां तक कि जिन लोगों की त्वचा सूर्य की किरणों के प्रति संवेदनशील होती है, उनमें भी सन स्क्रीन के उपयोग के बावजूद विटामिन डी की कमी नहीं पाई गई।
राजधानी भोपाल के जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन, डॉ. संजय जैन कहते हैं कि केवल 5 से 30 मिनट तक बिना सन स्क्रीन के धूप दिखाना ही काफी है। सूर्य की पहली किरणें विटामिन-डी की कमी दूर करने के लिए सबसे बेहतर होती हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि दोपहर की तेज धूप में 10 मिनट से ज्यादा न रहें, क्योंकि इससे त्वचा जल सकती है।
विटामिन डी एक फैट-सॉल्यूबल (वसा में घुलने वाला) विटामिन है। इसे अक्सर सनशाइन विटामिन कहा जाता है, क्योंकि हमारा शरीर इसे सूरज की रोशनी से बनाता है। जब त्वचा पर सूरज की किरणें पड़ती हैं, तो शरीर में प्राकृतिक रूप से विटामिन डी का निर्माण होता है।
सुबह जल्दी उठना शुरू करें और 15-20 मिनट की धूप लें। धूप सीधे हाथ, चेहरा और पैरों पर पड़े। कांच या खिड़की के पीछे से आने वाली धूप से कोई लाभ नहीं होता। खाने में अंडा, मछली, मशरूम, पनीर और दूध जैसे पौष्टिक आहार विटामिन डी की कमी को दूर करने में मदद करते हैं।