MP News: मप्र के इतिहासविदों और विद्यार्थियों की एक टीम जल्द ही पाकिस्तान के तक्षशिला जाएगी। जहां कभी भारत का सबसे गौरवशाली विश्वविद्यालय हुआ करता था।
MP News: राजधानी भोपाल में प्रदेश की सबसे बड़ी और सर्वश्रेष्ठ लाइब्रेरी बनायी जाएगी। इससे शोधकार्य में मिलेगी मदद मिलेगी। लाइब्रेरी में भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित संदर्भ पुस्तिकाएं और शोध सामग्री उपलब्ध होंगी। क्योंकि हमारी पहचान सिर्फ आधुनिक विज्ञान ही नहीं, बल्कि उस ज्ञान परंपरा से भी है जिसने तक्षशिला और नालंदा जैसी विद्यापीठों को जन्म दिया। इसलिए मप्र के इतिहासविदों और विद्यार्थियों की एक टीम जल्द ही पाकिस्तान के तक्षशिला जाएगी। जहां कभी भारत का सबसे गौरवशाली विश्वविद्यालय हुआ करता था।
कार्यक्रम में निजी विश्वविद्यालय संघ, मप्र के संरक्षक जेएन चौकसे, अध्यक्ष प्रवीण ठकराल, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अनुपम चौकसे, सचिव डॉ. अजीत सिंह पटेल, उपाध्यक्ष बीएस यादव सहित प्रदेश के सभी निजी विश्वविद्यालयों के चेयरमैन, अधिकारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
यह बातें उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने श्यामला हिल्स स्थित केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने पाकिस्तान जाने वाली विशेष टीम तक्षशिला की भूमि को प्रणाम करेगी। और यह महसूस करेगी तक्षशिला क्या था। वह विश्वविद्यालय कैसा था जिसने विश्व को शिक्षा का मार्ग दिखाया। भारतीय ज्ञान परंपरा के विस्तार में निजी विश्वविद्यालयों की भूमिका विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोलते हुए परमार ने कहा-भारतीय ज्ञान परंपरा को जीवंत और सशक्त बनाने के लिए सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को मिलकर कार्य करना होगा।
परमार ने कहा-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार में भाषाई सीमाएं बाधक हैं। इसलिए मप्र सरकार जापान और जर्मनी जैसे देशों में रोजगार अवसरों को ध्यान में रखते हुए विशेष भाषा पाठ्यक्रम तैयार करेगी। जिसमें जापानी और जर्मन भाषाओं की शिक्षा दी जाएगी।
यूनाइटेड कॉन्शियसनेस के वैश्विक संयोजक विक्रांत सिंह तोमर ने छात्रों से संवाद किया। एक छात्र ने पूछा-बीते हुए कल की दुखद यादों को कैसे भूलें? इस पर तोमर ने कहा भूलने के लिए यह माइंड डिजाइन नहीं है। अगर कोई मेमोरी आपको परेशान कर रही है, तो बेहतर है कि मन को किसी अच्छे कार्य में लगाया जाए, लोगों से बात की जाए और नई यादें बनाई जाएं तभी पुरानी यादें धुंधली होंगी।