भोपाल

41 साल बाद दाग धुला, लेकिन जहर का असर दे रहा कैंसर, मुआवजे का मरहम भी दूर

MP News: राजधानी में जहर उगल रहे यूका का 337 टन जहरीला कचरा खाक, सरकार ने हाईकोर्ट में पेश की रिपोर्ट, अब 750 टन राख करेंगे लैंडफिल, लेकिन 41 साल बाद भी दर्द बाकी है...

2 min read
Jul 01, 2025
Union Carbide waste

MP News: 41 साल पहले भोपाल के दिल पर दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी के लगे दाग अब जाकर धुले। यूनियन कार्बाइड (यूका) के 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को हाईकोर्ट के आदेश पर पीथमपुर में खाक कर दिया गया। रामकी संयंत्र में 55 दिन लगातार 270 किलो प्रति घंटे की रफ्तार से लोगों को दर्द दे रहे कचरे को फूंका तो रविवार रात 1 बजकर 5 मिनट पर यह काला अध्याय समाप्त हो गया। दाग तो धुल गए, लेकिन इसके दर्द अभी बाकी हैं।

कचरा खाक होने के बाद राज्य सरकार ने सोमवार को हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की। कोर्ट को बताया, केंद्रीय व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तकनीकी विशेषज्ञों की देखरेख में कचरा नष्ट किया गया। इससे 750 मीट्रिक टन राख व अवशेष जमा हुआ है।

2004 में बोया जहर के निपटारे का बीज, 2025 में असर

भोपाल के एपी सिंह ने 2004 में जनहित याचिका में कहा था-यूका से जहरीले गैस के रिसाव से 4000 से अधिक लोगाें की मौत हो गई थी। त्रासदी के बाद से जहरीला कचरा पड़ा है। इसके विनिष्टिकरण की मांग की। याचिकाकर्ता की मौत के बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई जारी रखी।

अब 31 जुलाई को सुनवाई

मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सीटीओ मिलने के बाद लैंडफिल सेल में उसे नष्ट किया जाएगा। जस्टिस अतुल श्रीधरन और दिनेश कुमार पालीवाल की खंडपीठ ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लिया। कंपाइल स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। अब सुनवाई 31 जुलाई को होगी।

मुआवजे के लिए 10 लाख दावे में 6 लाख ही पास, चार लाख खारिज

गैस पीड़ितों को मुआवजा देने गैस राहत संचालनालय पीड़ितों से आवेदन मांगे। 10.29 लाख ने पीड़ितों में नाम दर्ज कराए। संचालनालय ने सुनवाई और जांच के बाद 5.74 लाख दावे ही मान्य किए। 4 लाख खारिज कर दिए। उन्हें 25 हजार रुपए से लेकर 10 लाख तक मुआवजा मिला। पीड़ितों ने न्याय के लिए पोस्टकार्ड मुहिम चलाई। जिन्हें 25 हजार मुआवजा मिला, उन्हें ५ लाख देने की मांग की। प्रधानमंत्री को भी अर्जी भेज रहे हैं।

पानी में अब भी 20 तरह के खतरनाक रसायन, बढ़े कैंसर-किडनी के मरीज

कचरा तो जल गया, पर भोपाल में त्रासदी के पीड़ा खत्म नहीं हुई। गैस प्रभावित 11,278 कैंसर के जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। किडनी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। यूका प्लांट के आसपास 44 बस्तियों का पानी जहरीला हो चुका है। गैस कांड से जुड़ीं रचना धींगरा ने बताया, फैक्ट्री के कचरे में डायक्लोरोबेंजीन पॉलीन्यूक्लियर एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन्स, मरकरी लेड जैसे 20 रसायन मिले हैं। ये लीवर, किडनी, कैंसर बढ़ा रहे हैं।

Published on:
01 Jul 2025 08:20 am
Also Read
View All

अगली खबर