Warden of Tribal Welfare Department's hostel in Shivpuri मध्यप्रदेश में एक वार्डन की अय्याशी के किस्से सामने आए हैं।
मध्यप्रदेश में एक वार्डन की अय्याशी के किस्से सामने आए हैं। हॉस्टल के बच्चों ने ही वार्डन की पोल खोली। उससे त्रस्त बच्चे कलेक्टर को शिकायत करने कलेक्टर कार्यालय जा पहुंचे। यहां उन्होंने अपने अधीक्षक की करतूतें कलेक्टर को बताईं। हॉस्टल के बच्चों ने कलेक्टर को बताया कि असल में अधीक्षक ने छात्रावास को अय्याशी का अड्डा बना लिया है। बच्चों की बातें सुनकर कलेक्टर भी हैरान रह गए। उन्होंने छात्रावास अधीक्षक की शिकायतों की जांच का आदेश दिया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर वार्डन पर कार्रवाई की जाएगी। इधर आदिम जाति कल्याण विभाग के अफसरों ने भी वार्डन पर कार्रवाई की कवायद शुरु कर दी है।
प्रदेश के शिवपुरी में आदिम जाति कल्याण विभाग के हॉस्टल में वार्डन अय्याशी करने में लगा है। उसकी शिकायत करने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे बच्चों ने कलेक्टर रविन्द्र चौधरी को बताया कि वार्डन बृजेश कुमार जाटव रोज शाम को खुलेआम जाम छलकाते हैं। बच्चों ने बताया कि वार्डन हॉस्टल में दारू पार्टी करता है।
बृजेश कुमार जाटव ठकुरपुरा के अनुसूचित जाति सीनियर बालक छात्रावास के वार्डन हैं। बच्चों ने कलेक्ट्रेट में कलेक्टर रविन्द्र चौधरी को उनकी कई करतूतें बताईं। बच्चों ने बताया कि नाश्ते के रूप में उन्हें कई दिन पुरानी सूखी रोटी दी जाती है। चिकन के बचे हुए तेल से सब्जी बनाकर देते हैं जिसमें हड्डियां निकलती हैं।
इतना ही नहीं, वार्डन ने अपने भतीजे को भी हॉस्टल में रख लिया है जोकि बच्चों के साथ मारपीट करता है। मामले की भनक लगते ही आदिम जाति कल्याण विभाग के संयोजक ऑफिस से ही गायब हो गए हालांकि कलेक्टर ने मामले की जांच की बात कही है।
इधर भोपाल मुख्यालय में भी वार्डन की कारस्तानी पहुंच गई है। आदिम जाति कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक विभाग मामले की अलग से जांच कर वार्डन पर कार्रवाई करेगा।