भोपाल

दुनिया का पहला ट्राइबल कैफे, 7 जनजातियों के ट्रेडिशनल अंदाज में कर सकेंगे लंच और डिनर

MP News World First Tribal Cafe: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शुरू होने जा रहा, दुनिया का पहला ट्राइबल कैफे, जहां आप ले सकेंगे 7 जनजातियों की खूबसूरत संत्कृति औऱ सभ्यता के बीच स्वादिष्ट पकवानों का मजा...

less than 1 minute read
May 17, 2025
first Tribal Cafe of the World

MP News World First Tribal Cafe: राजधानी के ट्राइबल म्यूजियम में दुनिया का पहला ट्राइबल कैफे (जनजातीय भोजनालय) शुरू होने जा रहा है। दो साल से इस पर काम चल रहा था। जुलाई में उद्घाटन की तैयारी है। कैफे जनजातीय व्यंजनों पर किए संग्रह व शोध को दिखाएगा।

यहां एमपी की 7 जनजातियों गोंड, बैगा, भारिया, कोरकू, सहरिया, कोल, भील के पारंपरिक पकवान उपलब्ध होंगे। यहां जनजातीय रीति-रिवाज, परंपरा व संस्कारों की जीवंत झलक मिलेगी। क्यूरेटर अशोक मिश्रा ने बताया, यह कैफे पारंपरिक रेडी टू सर्व मॉडल पर नहीं, एडवांस बुकिंग प्रणाली पर संचालित होगा।

7 जनजातियों के ट्रेडिशन के बीच स्वाद का मजा

संग्रहालय परिसर में 7 जनजातियों के पारंपरिक 7 घर हैं। इसकी सजावट भी परंपरागत ही है। लोग अपनी पसंद से कोई घर चुनेंगे। जिस घर में जाएंगे, उनका प्रवेश, स्वागत, भोजन के बर्तन, विदाई, सब जनजातीय संस्कृति के अनुसार किया जाएगा। उन्हें उसी जनजाति के रसोइए से बनवाया गया पारंपरिक भोजन परोसा जाएगा। खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले सामान व मसाले भी जनजाति क्षेत्रों से ही लाए जाएंगे।

इन व्यंजनों का स्वाद

1. गोंड: कोदो भात, तुअर दाल।

2. भील: मक्के की रोटी, गुड़ पापड़ी और दाल पनीला।

3. कोल: कुटकी, कोदो भात, तुअर दाल।

4. कोरकू: मोटे अनाज की रोटी, चने की भाजी।

5. सहरिया: जौ-गेहूं की रोटी, दाल

6.भारिया: मक्के की रोटी, चावल और कई तरह की भाजी।

7. बैगा: बांस की सब्जी, करील, पिहरी और कोदो भात।


Published on:
17 May 2025 10:15 am
Also Read
View All

अगली खबर