Farmer Protest in Bikaner: बीकानेर और श्रीगंगानगर जिले में इंदिरा गांधी नहर परियोजना में पानी की कमी से जूझ रहे किसानों ने अब आंदोलन का रुख अपना लिया है।
Farmer Protest in Bikaner: बीकानेर और श्रीगंगानगर जिले में इंदिरा गांधी नहर परियोजना में पानी की कमी से जूझ रहे किसानों ने अब आंदोलन का रुख अपना लिया है। सिंचाई पानी की मांग को लेकर बीकानेर, खाजूवाला, लूणकरणसर, छतरगढ़, घड़साना, पूगल और बज्जू सहित कई इलाकों में किसानों ने महापड़ाव शुरू कर दिया और नेशनल हाईवे को जाम कर दिया।
बता दें, किसानों ने शनिवार को दोपहर 2 बजे तक चक्काजाम और बाजार बंद का आह्वान किया। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसानों ने रावला, घड़साना, लूठकरणसर, जैतसर और अन्य स्थानों पर नाके लगाकर हाईवे को पूरी तरह जाम कर दिया।
किसानों ने स्पष्ट कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। किसानों का कहना है कि यह सिर्फ उनका नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान के लाखों किसानों का मुद्दा है, जो नहर के पानी पर निर्भर हैं।
- इंदिरा गांधी नहर परियोजना के प्रथम चरण के किसानों को जल्द सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जाए।
- नहर की मरम्मत और जल प्रबंधन में सुधार किया जाए, ताकि पानी की कमी की समस्या दोबारा न हो।
- फसल बर्बादी से बचाने के लिए सरकार मुआवजे की घोषणा करे।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता लालचंद भादू, डॉ राजेंद्र मूंड और महीपाल सारस्वत ने बताया कि IGNP में घड़साना से लेकर लूणकरणसर तक चक्का जाम है। किसान नेताओं ने बताया कि 13 एमडी टोल नाका, रामसिंहपुर, सलेमपुरा, पीपेरा, जामसर, खाजूवाला समेत कई जगहों पर चक्काजाम जारी है। किसानों ने बताया कि राजस्थान की सरकार किसानों की मांगो को लेकर गंभीर नहीं है, इसलिए किसान सरकार की ही वजह से सड़कों पर उतरा है।
किसान नेताओं ने कहा कि हमने पांच-छ: दिन तक सरकार को चेताया, लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया। कहा कि हम हमारी फसलों को जलने नहीं देंगे, इसलिए हम सड़कों पर हैं। उन्होंने कहा कि हम अहिंसक रूप से आंदोलन कर रहे हैं, हम कोई टकराव नहीं चाहते, सरकार हमारी मांगे माने, सरकार तुरंत प्रभाव से पानी छोड़े, ताकि चक्का आगे न बढ़े।
किसानों के आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। 4 एडिशनल एसपी, 10 डीएसपी और 500 से अधिक पुलिस जवानों को तैनात किया गया है। एडिशनल एसपी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए वाटर कैनन और दंगारोधी विशेष वाहन तैनात किए गए हैं। डीआईजी गौरव यादव स्वयं पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से किसानों को समझाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी है।
किसान नेता ने बताया-साल 2012 और 2013 में हमने सात दिन तक चक्काजाम किया था। सरकार तुरंत प्रभाव से 2400 क्यूसेक पानी छोड़े, ताकि चक्का आगे न बढ़े। 13 एमडी टोल नाका, रामसिंहपुर, सलेमपुरा, खाजूवाला समेत पांच जगहों पर चक्काजाम जारी है। शुक्रवार को अमरजीत सिंह मेहरड़ा से सकारात्मक वार्ता हुई थी, लेकिन वह विफल रही। इसका कारण यह था कि भाजपा के किसान संगठन के नेता वहां पहले से मौजूद थे, जो कह रहे थे कि हमारी सरकार है, इसलिए हम भी वार्ता में शामिल होंगे।
दरअसल, पश्चिमी राजस्थान के किसान चना, गेहूं, सरसों और इसबगोल जैसी फसलों की खेती पर निर्भर हैं, लेकिन इस बार इंदिरा गांधी नहर परियोजना में पानी की भारी कमी से उनकी फसलें सूखने के कगार पर हैं। किसानों का कहना है कि यदि जल्द सिंचाई के लिए पानी नहीं मिला तो उनकी सालभर की मेहनत बर्बाद हो जाएगी।