बीडीए अभी जोड़बीड़ आवासीय योजना में भूखण्डों को लॉटरी के माध्यम से आवंटन करेगा।
दिनेश कुमार स्वामी@बीकानेर. बीकानेर विकास प्राधिकरण बनने से शहर के लोगों ने नई सरकारी कॉलोनियां बसने और अपने आशियाने का सपने देखा था। हालांकि, बीडीए की पहली ही योजना ने उनको सपने से जगा दिया है। दरअसल, बीडीए बनने के बाद पहली बार भूखण्ड आवंटन के लिए आवेदन मांगे गए। इसमें एक श्रेणी में 12 लाख रुपए से 18 लाख रुपए आय वाला व्यक्ति और दूसरी श्रेणी में 20 लाख रुपए तक सालाना कमाने वाला ही आवेदन कर सकेगा। मोटे तौर पर कहें, तो डेढ़ से दो लाख रुपए मासिक वेतन अथवा व्यापार-कारोबार से इतनी कमाई करने वाला ही आवेदन का पात्र होगा। दरअसल, हलचल इसी को लेकर है।
एक दिन पहले ही जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि, बीडीए आयुक्त अपर्णा गुप्ता, जिला परिषद सीईओ सोहनलाल, प्रशिक्षु आईएएस स्वाति शर्मा, निदेशक (आयोजना) पुनीत शर्मा, निदेशक (वित्त) नरेश राजपुरोहित, उप नगर नियोजक गरिमा चारण ने जोड़बीड़ आवासीय योजना के भूखण्डों के आवंटन के लिए आवेदन मांगने की बुकलेट जारी की। एचआईजी श्रेणी के भूखण्ड के लिए आवेदक की आय 18 से 20 लाख रुपए सालाना (आयकर रिर्टन में) रखी गई। हैरानी की बात यह है कि बड़े अधिकारियों का भी सकल वार्षिक वेतन इस श्रेणी में नहीं आता होगा।
बीडीए अभी जोड़बीड़ आवासीय योजना में यूआईटी के समय काटी कॉलोनी में बचे भूखण्डों को लॉटरी के माध्यम से आवंटन करेगा। किसी भी सरकारी या निजी आवासीय योजना में एलआईजी और ईडब्ल्यूएस के लिए भूखण्ड आरक्षित होते हैं। चूंकि पहले ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के भूखण्ड यूआईटी आवंटित कर चुकी है। अब बीडीए के अधिकारियों ने यूआईटी की पुरानी योजनाओं की शर्तें तो बदल दीं, लेकिन आरक्षित को लाभ पुरानी योजना में गिना दिया। जबकि बीडीए को बचे भूखण्डों का सर्वे कर नई योजना बनाकर आवंटित करना चाहिए था।
इस मामले पर जनप्रतिनिधि और विधायक तक आश्चर्य चकित हैं। बीकानेर जैसे मध्यम आय वर्ग वाले शहर में 18-20 लाख रुपए सालाना आय की शर्त सुनकर वे सन्न ही रह गए। यानी जनप्रतिनिधियों से बिना विचार-विमर्श किए अधिकारियों ने यह आवंटन प्रक्रिया लॉन्च कर दी।
भूखण्डों के आवंटन की पात्रता शर्त में 12 से 18 लाख रुपए तक की सालाना आय की शर्त गलत है। इसे हटाकर बीडीए को आवेदन मांगने चाहिए।
- जेठानंद व्यास, विधायक बीकानेर पश्चिम
बीडीए को भूखण्ड आवंटन के लिए ऐसी शर्तें रखनी चाहिए, जिससे आमजन को लाभ हो। बीकानेर के आम लोगों को जोड़बीड़ में बसाने का प्रयास होना चाहिए। 12 लाख से अधिक सालाना आय वाली शर्त कैसे रखी गई, इसका पता करेंगे। मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्री से मिलकर बात करेंगे।
- सुमित गोदारा, कैबिनेट मंत्री राजस्थान सरकार
एमआईजी-बी और एचआईजी के लिए भूखण्ड है। इसमें आवेदक के लिए सालाना सकल आय के लिए 12 से 18 लाख रुपए और 18 से 20 लाख रुपए सालाना आय की शर्त है। नगरीय निकाय मंत्री से इसमें छूट के लिए प्रस्ताव भेजा था। छूट नहीं मिलने पर ही इस शर्त के साथ आवेदन मांगे गए हैं।
- अपर्णा गुप्ता, आयुक्त बीडीए बीकानेर
अल्प और मध्यम आय और उच्च वर्ग सभी के लिए भूखण्ड रखने चाहिए। साइज छोटी-बड़ी हो सकती है। मैँ स्वयं भी स्वायत्त शासन विभाग का मंत्री रहा हूं। राजस्थान सरकार के मंत्री को बीडीए के इस आवंटन को लेकर पुनर्विचार करना चाहिए।
- डॉ. बीडी कल्ला, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता
श्रेणी एमआईजी-बी
1009 कुल भूखण्ड
120 से 220 वर्ग मीटर तक साइज
30 हजार रुपए पंजीकरण राशि
एचआईजी श्रेणी
591 कुल भूखण्ड
220 वर्ग मीटर से अधिक साइज
50 हजार रुपए पंजीकरण राशि
योजना के तहत एचआईजी श्रेणी में केन्द्र- राज्य सरकार के कर्मचारी या अधिकारी, अधिस्वीकृत पत्रकार के लिए आरक्षित श्रेणी में भी 18 से 20 लाख रुपए सालाना आय वाले ही पात्र हैं। गौर करने की बात है कि बड़े अधिकारियों का सालाना वेतन भी 18 से 20 लाख रुपए के बीच नहीं आता है।
एक्सपर्ट व्यू
वर्ष 2023-24 या 2024-25 के आयकर रिटर्न में आवेदक को 12 से 18 लाख अथवा 18 से 20 लाख रुपए सालाना आय प्रदर्शित करनी होगी। आयकर नियमों के अनुसार, 18 से 20 रुपए की आय पर करीब पौने पांच लाख रुपए इनकम टैक्स बनता है। बीकानेर में ऐसे व्यक्तिगत आयकरदाताओं की संख्या 200 से 250 के बीच है। ऐसे में यदि बीकानेर के लोगों को बसाना है, तो सालाना आय जैसी शर्त अधिकतम 5 लाख रुपए से अधिक की नहीं होनी चाहिए। उसमें भी गरीबों के लिए 20 प्रतिशत बिना किसी आय की शर्त के आवंटन का प्रावधान रखा जाना चाहिए।
सीए सुधीश शर्मा, बीकानेर