IPS GP Singh: कोर्ट ने उनके खिलाफ कोई प्रमाण नहीं पाए। कोर्ट ने तीनों एफआईआर को द्वेषपूर्ण कार्रवाई मानते हुए रद्द करने के आदेश दिए गए हैं।
IPS GP Singh: पूर्व एडीजी जीपी सिंह के खिलाफ पूर्व सरकार द्वारा दर्ज करवाई गई तीनों एफआईआर बुधवार को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी। डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई में प्रस्तुत रिकॉर्ड और तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने उनके खिलाफ कोई प्रमाण नहीं पाए। कोर्ट ने तीनों एफआईआर को द्वेषपूर्ण कार्रवाई मानते हुए रद्द करने के आदेश दिए गए हैं।
अधिवक्ताओं ने तर्क रखा कि
वकीलों ने इसे राजनीतिक द्वेषपूर्ण कार्रवाई कहा। सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने जी.पी. सिंह के खिलाफ दर्ज तीनों मामलों को रद्द कर दिया।
सेवा से हटाए गए आईपीएस जी.पी. सिंह को बहाल करने के आदेश केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने दिए थे। जिसके परिपालन में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को बहाली प्रस्ताव भेजा था। पर केंद्र सरकार ने अब तक आदेश जारी नहीं किए हैं। बल्कि दिल्ली हाईकोर्ट में कैट के फैसले के खिलाफ अपील कर दी है। इसका निराकरण होने के बाद ही सिंह की बहाली हो पाएगी।
1994 बैच के आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो में आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करवाया था। वर्ष 2021 में एसीबी ने सिंह के सरकारी आवास सहित कई ठिकानों पर छापेमारी कर 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति और कई दस्तावेज़ बरामद किए थे। जुलाई 2021 में उन्हें निलंबित किया गया और कुछ दिनों बाद राजद्रोह का केस दर्ज हुआ। वे 120 दिन जेल में थे।