Patrika Raksha Kavach Abhiyan: तुम जैसे ठगों के बारे में मैं पत्रिका में रोज पढ़ती हूं।' इस पर कॉलर ने डराते हुए कहा 'कंपनी की ओर से आपका पुरस्कार भेज दिया गया है। आपके पते पर भेजने डिटेल पूछा जा रहा है, नहीं बताने पर आपके खिलाफ थाने में रिपोर्ट की जाएगी।
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: बिलासपुर के मंगला क्षेत्र निवासी एक महिला को अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉलर ने कहा कि 'आप जिओ कंपनी की सर्वश्रेष्ठ यूजर हैं। साल के अंत में आपको पुरस्कृत किया गया है। 10 हजार रुपए से ज्यादा का उपहार आपके पास पहुंचेगा।
हमें इसी नंबर पर अपना पूरा एड्रेस, बैंक खाता नंबर का सारा डिटेल भेजें। उसके बाद आगे की प्रक्रिया बताता हूं।' इस पर आरती ने कहा 'मुझे पुरस्कृत किया जा रहा है, यह मेरा सौभाग्य है, पर भाई मैं यह पुरस्कार आपको सौंपती हूं, आप अपनी बहन की ओर से रख लो।' इस पर कॉलर ने कहा 'जब इनाम आप के नाम पर है, तो मुझे कैसे मिल सकता है, मजाक मत कीजिए, जल्दी हमें पूरा डिटेल भेज दीजिए, नहीं तो कंपनी के पास लौट जाएगा।
कॉलर के लगातार लुभावनी बातें सुन कर आरती ने कहा 'अब बहुत हो गया, जब मैं बोल रही हूं कि मुझे पुरस्कार नहीं चाहिए, तो समझ क्यों नहीं रहे। तुम जैसे ठगों के बारे में मैं पत्रिका में रोज पढ़ती हूं।' इस पर कॉलर ने डराते हुए कहा 'कंपनी की ओर से आपका पुरस्कार भेज दिया गया है। आपके पते पर भेजने डिटेल पूछा जा रहा है, नहीं बताने पर आपके खिलाफ थाने में रिपोर्ट की जाएगी। समझ लीजिए, आप जेल जाएंगी।' इस पर आरती ने कहा ' लगता है तू ऐसे नहीं मानेगा, मैं अभी साइबर क्राइम पुलिस को तेरी शिकायत करती हूं, अब तू जाएगा जेल…।' इतना सुनते ही कॉलर ने न सिर्फ कॉल कट कर दिया, बल्कि नंबर भी ब्लॉक कर दिया।
साइबर ठग नित नए तरीके से ठगी करते हैं। सतर्कता ही साइबर ठगी का सबसे ब़ड़ा हथियार है। डर और लालच में आकर हम जीवन भर की कमाई लुटा देते हैं। इस मामले में महिला ने साहस और जागरुकता का परिचय दिया है, जो सराहनीय है। पत्रिका का साइबर जागरुकता का अभियान भी काबिलेतारीफ है। - रजनेश सिंह, एसपी, बिलासपुर