High Court: बिलासपुर जिले के बिलासा एयरपोर्ट की शुरुआत के लगभग साढ़े तीन साल बाद भी नाइट लैंडिंग शुरू न हो पाने से यहां विमान सेवाओं का विस्तार नहीं हो पा रहा है, जिसे लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है...
Bilaspur Airport: बिलासा एयरपोर्ट में चार माह के अंदर नाइट लैंडिंग सुविधा शुरू हो जाने की उमीद है। हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद शुक्रवार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) की ओर से बताया गया कि 17 मार्च 2025 तक यहां पर डीवीओआर सहित नाइट लैंडिंग से जुड़ी सभी मशीनें पहुंच जाएंगी। इसके बाद उनको इंस्टाल कर यह सुविधा शुरू की जाएगी।
एयरपोर्ट में सुविधा विस्तार को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। शुक्रवार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एक नया शपथ पत्र प्रस्तुत कर डीवीओआर और नाइट लैंडिंग से संबंधित सभी मशीन 17 मार्च 2025 तक यहां पहुंच जाने की जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस एके प्रसाद की खंडपीठ में एएआई ने नाइट लैंडिंग सुविधा के लिए 2 साल का समय लगने का दावा करते हुए इतना ही समय देने की मांग की थी। कोर्ट ने इस दावे को स्वीकार नहीं किया था और कहा था कि यह समय सीमा बहुत अधिक है। याचिकाकर्ताओं द्वारा यह बताने पर कि बिलासपुर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग सुविधा देने का कार्य 2024-25 में ही किया जाना था, कोर्ट ने देरी पर नाराजगी भी जताई थी।
अपने आदेश में हाईकोर्ट ने यह भी लिखाया है कि उमीद करते हैं, केंद्र और राज्य सरकारें बिलासपुर एयरपोर्ट को विकसित करने के लिए सभी आवश्यक कदम जल्दी और समय रहते उठाएंगी।इसी अपेक्षा के साथ राज्य और केंद्र सरकार को कार्य करने के लिए समय देने के हिसाब से मामले की अगली सुनवाई 7 अप्रैल 2025 को तय की गई है।
एएआई द्वारा प्रस्तुत शपथपत्र से यह भी स्पष्ट होता है कि एक बार मशीन आ जाने के बाद चार माह में नाइट लैंडिंग सुविधा प्रारंभ की जा सकती है। परंतु मशीन के लिए भवन राज्य सरकार को समय रहते बनवाना होगा। उल्लेखनीय है कि मशीन लगाने भवन के लिए पिछले सप्ताह ही एएआई की टीम ने बिलासपुर एयरपोर्ट का निरीक्षण किया है। भवन की डिजाइन फाइनल कर एयरपोर्ट प्रबंधन को दी जाएगी।
एएआई के अधिवक्ता अनुमेह श्रीवास्तव ने नए शपथ पत्र में बताया कि 18 अक्टूबर के परचेज ऑर्डर के मुताबिक 150 दिन में सात डीवीओआर सभी 22 मशीनें भारत पहुंच जाएंगी। इस पर अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने निवेदन किया कि आयात की जा रही मशीनों में से पहले लॉट में से ही एक सेट बिलासपुर एयरपोर्ट को दिया जाए। इस निवेदन को हाईकोर्ट ने स्वीकार किया और इसे आदेश में अंकित कर दिया। इससे नाइट लैंडिंग संबंधी मशीन 17 मार्च 2025 तक पहुंचने की पूरी संभावना है।