बिलासपुर

Bilaspur High Court: IIT-NIT में केंद्र के अधिकारों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने कहा – हस्तक्षेप नहीं…जानिए पूरा मामला

CG High Court: बिलासपुर हाईकोर्ट ने विदेशी छात्रों के लिए एनआईटी-आईआईटी में प्रवेश के नियमों में बदलाव की केंद्र सरकार की नीति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है।

2 min read

Bilaspur High Court: आईआईटी, एनआईटी में एडमिशन के नियमों को बदलने पर आपत्ति हुए दायर की गई विदेशी छात्रों की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि प्रवेश के लिए नीति बनाना और मापदंड तय करना केन्द्र सरकार का अधिकार है और विषय भी। छात्र छूट के लिए दावा नहीं कर सकते हैं। छूट देना या न देना सरकार का नीतिगत निर्णय है। सऊदी अरब में रहने वाले स्टूडेंट्स शेख मुनीर, सुहास काम्मा, श्रियांस कुमार, आफिया अनीस, रंजीत, राघव सक्सेना सहित अन्य छात्रों ने यह याचिका प्रस्तुत की थी।

याचिका में कहा था कि एनआईटी, आईटीआई और अन्य संस्थानों में डीएएसए (डासा) योजना के तहत एडमिशन के लिए वे पात्र हैं। इस योजना के अंतर्गत विदेशी छात्रों को सीधे एडमिशन देने का प्रावधान है। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने अब शैक्षणिक योग्यता के लिए निर्धारित मापदंड में बदलाव कर दिया है। इसके चलते वे एडमिशन प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाएंगे।

याचिकाकर्ताओं ने यह भी बताया कि वर्ष 2024-25 के लिए स्नातक कोर्स में एडमिशन के लिए पूर्व में 60 फीसदी अंक निर्धारित किए गए थे। इसे अब बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया है। साथ ही इसे अनिवार्य शर्त में शामिल कर लिया गया है। स्टूडेंट्स ने हाईकोर्ट से इस विषय में केन्द्र सरकार को आदेश जारी करने की मांग की थी।

60 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत नम्बर किए गए हैं अनिवार्य

बता दें कि शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2001-02 में विदेशी नागरिकों, भारतीय मूल के विदेश में रहने वाले अप्रवासी भारतीयों और एनआरआई को देश के प्रमुख 66 तकनीकी शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए डासा योजना लागू की है। शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए डासा योजना के तहत प्रवेश प्रक्रिया संचालित करने का जिम्मा एनआईटी रायपुर को सौंपा गया है। शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए प्रवेश प्रक्रिया के समन्वय का काम एनआईटी कालीकट को मिला था। 30 जनवरी 2024 को अधिसूचना जारी की गई। इसके तहत डासा योजना से एडमिशन के लिए निर्धारित अंकों में बदलाव किया गया।

कोविड काल में दी गई थी छूट, अब जरूरत नहीं

मामले की सुनवाई के दौरान एनआईटी रायपुर की ओर से डिवीजन बेंच को जानकारी दी गई कि विशेषज्ञों और कोर कमेटी से विचार विमर्श के बाद कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत अंक की अर्हता तय की गई है। एनआईटी ने कोर्ट को बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक कक्षा 12वीं के लिए अंकों में छूट दी गई थी, लेकिन वर्ष 2024-25 से कोई छूट नहीं दी जा रही है।

यहां देखें इससे संबंधित खबरें

1. पूर्व कलेक्टर, SDM-SDO सहित आधा दर्जन अफसरों को नोटिस, हाईकोर्ट ने उठाया सख्त कदम

बिलासपुर हाईकोर्ट ने पूर्व कलेक्टर सहित आधा दर्जन अधिकारियों को नोटिस भेजा है। मामला दो किसानों की जमीन बगैर अधिग्रहण किए उस पर सड़क बनाने से जुड़ा हुआ है। हाई कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना का दोषी ठहराया है। यहां पढ़ें पूरी खबर…

2. जवान को नौकरी से बर्खास्त किया, फिर अनिवार्य सेवानिवृत्ति, CIFS के DG सहित 4 को नोटिस

याचिकाकर्ता को 17 मार्च 2023 को सीआईएसएफ एसईसीएल यूनिट के कमांडेंट ने अनुशासनहीनता का प्रकरण विचारण में होना बता कर निलंबित कर दिया..यहां पढ़ें पूरी खबर…

Updated on:
27 Aug 2024 07:51 am
Published on:
27 Aug 2024 07:47 am
Also Read
View All

अगली खबर