Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) में सब इंजीनियरों की भर्ती में आरक्षण रोस्टर का पालन न करने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) में सब इंजीनियरों की भर्ती में आरक्षण रोस्टर का पालन न करने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि पीएचई के अफसर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सीधे तौर पर उल्लंघन कर रहे हैं। नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण रोस्टर, सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश और सुप्रीम कोर्ट के जारी निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है।
रश्मि वाकरे ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बिलासपुर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का राज्य सरकार से परिपालन कराने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में बताया कि पीएचई ने मार्च 2025 में सब इंजीनियर सिविल के 118 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया।
पीएचई द्वारा जारी विज्ञापन में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया जा रहा है। ऐसा कर विभाग के अफसर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सीधे तौर पर उल्लंघन कर रहे हैं। याचिकाकर्ता ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग ने अदालतों के निर्देशों के परिपालन के संबंध में पत्र भी जारी किया है। इसके बाद भी विभागीय अफसर अपने नियम चला रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग एवं लोक सेवा आयोग के द्वारा विभिन्न विभागों में भरे जाने वाले पदों पर अनुसूचित जनजाति वर्ग के अभियर्थियों को 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभदिया जा रहा है। पीएचई में राज्य शासन के दिशा निर्देशों और सुप्रीम कोर्ट के फैसले से इतर अलग ही नियम व मापदंड अफसर अपना रहे हैं। पीएचई के अफसर आरक्षण नियम का सीधेतौर पर उल्लंघन कर रहे हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग ने राज्य के सभी विभाग प्रमुखों काे पत्र लिखा है। हाई कोर्ट बिलासपुर के 19 सितंबर 2022 के आदेश को सभी विभागों को पालन के लिए सूचित किया गया था, उक्त आदेश के विरूद्ध राज्य शासन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी में सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य को नियुक्तियां एवं चयन प्रकिया पूर्व निर्धारित व्यवस्था अनुसार किये जाने की अंतरिम अनुमति प्रदान की है। सभी नियुक्तियों एवं चयन प्रकियाओं में यह विशेष रूप से उल्लेखित किया जाये कि सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन रहेंगी।