बिलासपुर

योग के जरिए महिलाओं को नॉर्मल डिलीवरी की तैयारी करा रहीं शहर की 3 युवतियां, जानें योग के 10 फायदे

International Women's Day 2025: इस महिला दिवस पर, इन तीनों युवतियों का योगदान यह साबित करता है कि जब महिलाएं एक-दूसरे का हाथ थामती हैं।

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International Women's Day 2025: शहर की तीन युवतियां एक अनोखी पहल से मातृत्व को और भी सुखद और स्वास्थ्यवर्धक बना रही हैं। ये तीनों रितु सिंह, इंद्राणी साहू और रितु साहू मिलकर गर्भवती महिलाओं को योग के माध्यम से नॉर्मल डिलीवरी के लिए तैयार कर रही हैं। योग टीचर रितु सिंह ने बताया कि आधुनिक समय में सिजेरियन डिलीवरी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

International Women's Day 2025: गर्भवती महिलाओं को योग-प्राणायाम का प्रशिक्षण

कई बार यह प्रक्रिया मेडिकल जरूरत बन जाती है, लेकिन कुछ मामलों में यह अनावश्यक रूप से करवाई जाती है, जिससे महिलाओं को भविष्य में कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रितु सिंह, इंद्राणी साहू और रितु साहू ने जब इस समस्या पर गौर किया, तो उन्होंने इसे सुधारने की ठानी।

उन्होंने योग और प्रेग्नेंसी से जुड़े विशेष प्रशिक्षण लिए और एक समूह बनाकर गर्भवती महिलाओं को नॉर्मल डिलीवरी के लिए तैयार करना शुरू किया। उन्होंने अब तक 146 से अधिक गर्भवती महिलाओं को योग-प्राणायाम का प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें सिजेरियन की जगह नॉर्मल डिलीवरी में सहायता प्रदान की है।

महिलाओं की ऐसे कर रही हैं मदद

इन युवतियों ने मिलकर एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया है। इसमें उन्होंने अपने आसपास के जान-पहचान वालों के जरिए गर्भवती महिलाओं की जानकारी मिलती है तो उन्हें ग्रुप में जोड़ने के साथ ही कंपनी गार्डन, कोन्हेर गार्डन, राजकिशोर नगर के ऊर्जा पार्क सहित कॉलोनियों के गार्डनों में अलग-अलग दिन गर्भवती महिलाओं को योग की ट्रेनिंग देती हैं।

इसके साथ ही व्हाट्सऐप ग्रुप में गर्भधारण के दौरान उपयोगी योग मुद्रा के वीडियो बना प्रशिक्षण देती हैं। जिसमें प्राणायाम, हल्के स्ट्रेचिंग व्यायाम और ध्यान की तकनीकें शामिल हैं, जो न केवल डिलीवरी को सहज बनाने में मदद करती हैं।

गर्भवती महिलाओं के लिए योग के 10 फायदे

नियमित योग से शरीर लचीला और सहनशक्ति बढ़ती है, जिससे प्रसव पीड़ा कम होती है।

योग से शारीरिक व मानसिक सहनशक्ति बढ़ती है, जिससे डिलीवरी आसान होती है।

योग आसनों और प्राणायाम से नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ती है।

योग से रक्त संचार बढ़ता है, शिशु को पोषण व मां को सेहत मिलती है।

गर्भावस्था में बढ़ता वजन कमर-पीठ दर्द देता है, योग इसे संभालता है।

योग कब्ज, एसिडिटी और अपच दूर कर गर्भवती को राहत देता है।

योग से हाई ब्लड प्रेशर व गर्भावस्था डायबिटीज का खतरा घटता है।

योग से शरीर व मन शांत होता है, जिससे गर्भवती को अच्छी नींद आती है।

गर्भावस्था में योग से डिलीवरी के बाद तेजी से रिकवरी होती है।

महिला सशक्तिकरण की मिसाल

International Women's Day 2025: रितु सिंह, इंद्राणी साहू व रितु साहू का यह प्रयास केवल गर्भवती महिलाओं की मदद करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण की भी एक बेहतरीन मिसाल है। ये तीनों युवतियां अपने ज्ञान और अनुभव से न केवल मातृत्व को आसान बना रही हैं।

बल्कि दूसरी महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं। इस महिला दिवस पर, इन तीनों युवतियों का योगदान यह साबित करता है कि जब महिलाएं एक-दूसरे का हाथ थामती हैं, तो वे एक नए और स्वस्थ समाज की नींव रख सकती हैं।

Published on:
08 Mar 2025 01:52 pm
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