बिलासपुर

CG Airport: नाइट लैंडिंग के लिए रनवे लाइट का काम पूरा, DGCA के निरीक्षण का इंतजार

CG Airport: बिलासपुर जिले में बिलासा एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग और अन्य सुविधाओं के विस्तार के जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य कराए जा रहे हैं।

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CG Airport: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में बिलासा एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग और अन्य सुविधाओं के विस्तार के जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य कराए जा रहे हैं। लेकिन रनवे लाइट इंस्पेक्शन लंबित हैं। एक बार यह इंस्पेक्शन कर रनवे लाइट चालू करने की डीजीसीए से अनुमति मिल जाने के बाद नाइट लैंडिंग के लिए आगे की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।

CG Airport: नाइट लैंडिंग के लिए एयरपोर्ट पर बेसिक काम पूरे हो चुके हैं। डीजीसीए की टीम के निरीक्षण का इंतजार है। इसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी। टीम द्वारा जल्द ही निरीक्षण किया जाएगा।

CG Airport: निरीक्षण के बाद आगे की प्रक्रिया होगी

CG Airport: नाइट लैंडिंग के लिए एयरपोर्ट में जरूरी इलेक्ट्रिफिकेशन का काम भी पूरा हो गया है। रनवे लाइट उचित मानकों के आधार पर लगाई जा चुकी हैं और सही तरीके से चालू भी हैं परंतु बिना डीजीसीए (डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन) कार्यालय की अनुमति के उन्हें आधिकारिक रूप से चालू नहीं किया जा सकता।

CG Airport: इस कारण यह इंस्पेक्शन आवश्यक है जो काफी समय से लंबित है। इसी तरह बाउंड्री वॉल और एयरपोर्ट लिंक रोड का काम भी पूरा हो चुका है। लेकिन जब तक यहां पर डीजीसीए टीम निरीक्षण के बाद हरी झंडी नहीं देगी, तब तक आगे का कार्य शुरू नहीं हो पाएगा। टीम के निरीक्षण के बाद ही डीवीओआर तकनीक लगाने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी के माध्यम से टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

रनवे लाइट इंस्पेक्शन काफी समय से लंबित

हवाई जन सुविधा संघर्ष समिति ने रनवे लाइटों का आवश्यक इंस्पेक्शन डीजीसीए (डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन) कार्यालय द्वारा तुरंत कराए जाने की मांग की है। यह रनवे लाइट इंस्पेक्शन काफी समय से लंबित है। एक बार यह इंस्पेक्शन करके रनवे लाइट चालू करने की डीजीसीए अनुमति मिल जाने से सर्दी के मौसम में सुबह और देर शाम तक आने वाले विमान को उतरने में काफी सहायता होगी। क्योंकि ऐसा होने पर रनवे की लाइट ऑन होने से पायलट को विमान के काफी ऊंचाई पर रहने से भी रनवे स्पष्ट दिखाई देगा।

उल्लेखनीय है कि 7 माह पहले मार्च में हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान शासन की तरफ से बताया गया था कि नाइट लैंडिंग का काम पूरा हो गया है। वहीं, रक्षा मंत्रालय की तरफ से सेना की 286.65 एकड़ जमीन पर एयरपोर्ट में रनवे के विस्तार और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए मिलने की जानकारी दी थी। इसके बाद प्रशासन ने जमीन का सीमांकन और नामांतरण भी पूरा कर लिया। लेकिन इसके बाद से मामला अटका है।

Published on:
18 Oct 2024 02:49 pm
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